‘दी कश्मीर फाइल्स’समान ‘गोवा फाइल्स’ संदर्भ में चर्चा होगी ! – श्री. रमेश शिंदे, राष्ट्रीय प्रवक्ता, हिन्दू जनजागृति समिति

16 जून से गोवा में ‘वैश्विक हिन्दू राष्ट्र महोत्सव!’

झारखंड, त्रिपुरा, मेघालय एवं असम राज्य में हिन्दू जनजागृति समिति के ‘हिन्दू राष्ट्र-जागृति अभियान’ अंतर्गत विविध उपक्रमों का आयोजन

इस अभियान के अंतर्गत विविध उपक्रमों में समिति के धर्मप्रचारक सद्गुरु निलेश सिंगाबाळजी सहभागी हुए । इस अंतर्गत ‘हलाल अर्थव्यवस्था : भारतविरोधी षड्यंत्र’ इस विषय पर व्याख्यान एवं जनजागृति बैठकों का आयोजन, हिन्दू राष्ट्र-जागृति सभा, आध्यात्मिक व्याख्यान, हिन्दू राष्ट्र-जागृति बैठकों का आयोजन एवं व्यक्तिगत संपर्क किए गए ।

‘वैश्विक हिन्दू राष्ट्र महोत्सव’ हेतु धनस्वरूप में अर्पण देकर हिन्दू राष्ट्र के कार्य में सम्मिलित हों !

इस वर्ष १६ से २२ जून २०२३ की समयावधि में रामनाथी, गोवा में ‘वैश्विक हिन्दू राष्ट्र महोत्सव’ (एकादश अखिल भारतीय हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन’) का आयोजन किया गया है । अधिवेशन में भारत, नेपाल, श्रीलंका, बांग्लादेश, सिंगापुर, बैंकॉक, अमेरिका, फिजी, ऑस्ट्रेलिया, हौंगकौंग, इंग्लैंड, मलेशिया आदि देश-विदेशों के प्रतिनिधि सहभागी होनेवाले हैं ।

वैश्विक हिन्दू राष्ट्र महोत्सव हेतु प.पू. समर्थ श्री त्र्यंबकेश्वर चैतन्य महाराजजी एवं अन्य संतों के शुभाशीष !

सभी संतों ने हिन्दू राष्ट्र-स्थापना के लिए समर्थन देते हुए इस हेतु आशीर्वाद प्रदान किया ।

‘वैश्विक हिन्दू राष्ट्र महोत्सव’ हेतु धनस्वरूप में अर्पण देकर हिन्दू राष्ट्र के कार्य में सम्मिलित हों !

इस वर्ष १६ से २२ जून २०२३ की समयावधि में रामनाथी, गोवा में ‘वैश्विक हिन्दू राष्ट्र महोत्सव’ (एकादश अखिल भारतीय हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन’) का आयोजन किया गया है । अधिवेशन में भारत, नेपाल, श्रीलंका, बांग्लादेश, सिंगापुर, बैंकॉक, अमेरिका, फिजी, ऑस्ट्रेलिया, हौंगकौंग, इंग्लैंड, मलेशिया आदि देश-विदेशों के प्रतिनिधि सहभागी होनेवाले हैं ।

हिन्दू राष्ट्र स्थापना का कार्य स्वयं का है; इसलिए उसमें आगे बढकर कार्य करना चाहिए !

सनातन धर्मग्रंथों में राजधर्म बताया गया है । वहां धर्म की सीमा के बाहर राजनीति नहीं है । धर्म की सीमा से बाहर यदि राजनीति हो, तो उसका नाम ‘उन्माद’ है, जब तक भारत में धर्माधारित राजपद्धति अपनाई नहीं जाएगी, तबतक गायें, गंगा, सती, वेद, सत्यवादी, दानशूर आदि का संपूर्ण संरक्षण नहीं हो सकता ।

हिन्दू जनजागृति समिति और हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन के बारे में हिन्दुत्वनिष्ठों के गौरवोद्गार और परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी के प्रति व्यक्त किया भाव

अखिल भारतीय हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन का व्यासपीठ सभी हिन्दुत्वनिष्ठों के लिए है । इस कारण हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन के माध्यम से हिन्दुओं में नवशक्ति निर्माण हुई है । विविध राज्यों में और जिलों में इस प्रकार के अधिवेशन हो रहे हैं । अखंड हिन्दू राष्ट्र के लिए ये सम्मलेन हो रहे हैं ।

आदर्श चरित्र का निर्माण करनेवाली शिक्षा आवश्यक ! – पू. डॉ. शिबनारायण सेन, उपसचिव, शास्त्र धर्म प्रचार सभा, बंगाल

आज भी भारत में किसी भी विद्यालय में धार्मिक शिक्षा नहीं दी जाती । भारत को हिन्दू राष्ट्र घोषित किए बिना हिन्दुओं को धर्म की शिक्षा नहीं दी जा सकती । इसलिए ‘सभी संस्थाओं को एकत्रित होकर आदर्श चरित्र का निर्माण हो सके’, इस प्रकार की धार्मिक शिक्षा देनी आवश्यक है ।

१२ से १८ जून की अवधि में गोवा में होनेवाले दशम ‘अखिल भारतीय हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन’ के उपलक्ष्य में …

इस्लामी अथवा ईसाई देशों की भांति हिन्दू राष्ट्र कोई संकीर्ण अवधारणा (संकल्पना) नहीं है, अपितु वह विश्वकल्याण का विचार करनेवाली, प्रत्येक नागरिक की लौकिक एवं पारलौकिक उन्नति का विचार करनेवाली एक सत्त्वप्रधान व्यवस्था है ।

हिन्दुओं का दमन रोकने के लिए हिन्दू राष्ट्र ही चाहिए !

संसार के अन्य किसी भी देश में बहुसंख्यकों के अधिकारों को ठुकराया नहीं जाता; परंतु भारत की ‘सेक्युलर’ राज्यप्रणाली के कारण हिन्दूबहुल भारत में हिन्दुओं की उपेक्षा हो रही है । वह न हो इसलिए भारत में हिन्दू राष्ट्र की स्थापना होना आवश्यक है ।