आइए वारकरी तथा हिन्दू धर्म के विरुद्ध षडयंत्र को नष्ट करें !

आलंदी देवाची में आयोजित ‘वारकरी सम्मेलन’ में १ हजार से अधिक वारकरियों तथा कीर्तनकारों ने वारकरी संप्रदाय के साथ-साथ हिन्दू धर्म तथा देवताओं के विरुद्ध चल रहे षड्यंत्र को विफल करने का संकल्प लिया ।

(और इनकी सुनिए …) ‘ पितृपक्ष का भोजन पशु-पक्षियों के लिए हानिकारक है !’ – पशुचिकित्सक डॉ. हृदेश शर्मा

हिन्दुओं के त्योहारों की अपकीर्ति करने का षडयंत्र है ! क्या बकरीद के अवसर पर काटे जाने वाले बकरों को लेकर उनके मन में कभी इतना पशु प्रेम उमडा  है ?

पर्वरी (गोवा) : आजाद भवन में श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन

पर्वरी के आजाद भवन में हिन्दी भाषा में संगीतमय श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन किया गया है । यह कार्यक्रम नवरात्रि में गुरुवार, ३ अक्टूबर से बुधवार, ९ अक्टूबर २०२४ तक होने वाला है । इस अवधि में प्रतिदिन सायंकाल ५ से रात्रि ८ बजे तक श्रीमद्भागवत ग्रंथ का निरूपण किया जाएगा ।

Pawan Kalyan Criticises Prakash Raj : प्रत्येक हिन्दू को धर्म का दायित्व लेना चाहिए !

आंध्रप्रदेश के उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण ने अभिनेता प्रकाश राज को फटकारा ।

Tirupati Laddu Controversy : प्रसाद की मिलावट के कारण तिरूपति मंदिर का शुद्धिकरण

२३ सितंबर को प्रात: यहां शांति होम किया गया और पंचगव्य का प्रोक्षण कराया गया।

Guruvayur Temple Ban : गुरुवायुर मंदिर के नादपंथल क्षेत्र में चित्रीकरण प्रतिबंधित

उच्‍च न्‍यायालय के निर्णय के कारण अब नादपंथल परिसर में विवाह समारोह एवं विशिष्‍ट धार्मिक कार्यक्रम के अतिरिक्त अन्य किसी भी उपक्रम का चित्रीकरण नहीं कर सकते ।

Hindu Marriage Allahabad High Court : हिन्दू विवाह किसी एक समझौते के समान समाप्त नहीं कर सकते ! – इलाहाबाद उच्‍च न्‍यायालय

हिन्दू पद्धति से किया हुआ विवाह धार्मिक संस्‍कारों पर आधारित होता है तथा वह केवल विशिष्‍ट परिस्‍थिति में ही कानूनी पद्धति से किया जाता है ।

अध्यात्मशास्त्र के दृष्टिकोण से हस्तरेखा शास्त्र !

हस्तरेखा शास्त्र के द्वारा व्यक्ति का स्वभाव, स्वास्थ्य, बुद्धि, विद्या, कार्यक्षेत्र, प्रारब्ध आदि अनेक बातों का बोध होता है । प्रस्तुत लेख में हस्तरेखा शास्त्र में अध्यात्म से संबंधित बातों का विचार कैसे किया जाता है, इसका विवेचन किया गया है ।

शारदीय नवरात्रि : देवी महिमा, शक्तिपीठ दर्शन एवं अध्यात्मशास्त्र

मंदिर में देवी की स्वयंभू मूर्ति है । मंदिर की रचना वृत्ताकार गुंबद की भांति है, साथ ही पूर्व में मंदिर का प्रवेशद्वार है तथा देवी की मूर्ति दक्षिणमुखी है । मंदिर में उत्तर की दिशा में स्थित शिलाखंड पर देवी के ३ नेत्र हैं । देवी के गले में सर्पमाला एवं मुंडमालाएं हैं ।

अखंड ज्योतिस्वरूप कांगडा, हिमाचल प्रदेश की श्री ज्वाला देवी !

हिमाचल प्रदेश में श्री ज्वालादेवी का मंदिर देश के महत्त्वपूर्ण धार्मिक स्थलों में से तथा ५१ शक्तिपीठों में से एक है ।