संत साहित्य के गहन अभ्यासक ह.भ.प.गुरुवर्य डॉ. किसन महाराज साखरेजी का निधन !
उनका अंतिम संस्कार २१ जनवरी को आलंदी में हुआ।
उनका अंतिम संस्कार २१ जनवरी को आलंदी में हुआ।
हिंदू धर्म पर हो रहे विभिन्न हमलों के विरुद्ध तथा हिंदुओं में जागृति लाने के लिए आलंदी के वारकरी सम्मेलन में एकनिष्ठ होकर निर्णय लिया गया । २६ नवम्बर को श्री देवीदास धर्मशाला एवं वै मामासाहेब दांडेकर स्मृति मंदिर, गोपालपुरा, आलंदी में १८ वां वारकरी सम्मेलन आयोजित किया गया था।
एफ.सी.आर.ए. कानून के अनुसार कोई भी समाचार पत्र विदेश से पैसे नहीं ले सकता। फिर भी, महाराष्ट्र अंनिस ने विदेश से लाखों रुपये एकत्र किए।
गोवा में मंदिरों को देखते-देखते जब मेरी दृष्टि सनातन आश्रम पर पड़ी तो मुझे वास्तविक गोवा दर्शन हो गया। हम यहां आकर उपकृत हो गये ऐसा वारकरी संप्रदाय के वरिष्ठ कीर्तनकार माननीय ह.भ.प.बंडा तात्या कराडकर ने कहा।
पिछले ७९ दिन पांडुरंग के श्रीचरणों के दर्शन लेने हेतु वारकरी तरस रहे थे, अंत में वह दिन २ जून, अर्थात ज्येष्ठ कृष्ण एकादशी का दिन निकल आया है । सवेरे ७ बजे से सभी वारकरियों के लिए पदस्पर्श दर्शन खुला किया गया है ।
गर्भगृह का ग्रेनाइट पत्थर निकालकर मूल स्वरूप देने के लिए श्री विट्ठल के पदस्पर्श दर्शन बंद किए गए थे; लेकिन पिछले ४५ दिनों में केवल ग्रेनाइट ही निकाला है । गर्भगृह के काम को प्रधानता नहीं दी गई है ।
देहुनगरी में वारकरी संप्रदाय द्वारा भावपूर्ण अभंग का गायन एवं ज्ञानोबा माउली-तुकाराम के जय घोषों से गूंज उठी नगरी ।
वारकरियों की विविध मांगों के लिए ९ दिसंबर को हिन्दू जनजागृति समिति, राष्ट्रीय वारकरी परिषद और वारकरी संप्रदाय की ओर से आळंदी में १७ वे वारकरी अधिवेशन का आयोजन किया गया ।
तीर्थ स्थलों की पवित्रता बनाए रखने के लिए इन तीर्थ स्थलों के आसपास मद्य तथा मांस पर प्रतिबंध लगाने, तीर्थ स्थलों में गंदे पानी के प्रवाह पर प्रतिबंध लगाने सहित विभिन्न मांगों को लेकर ९ दिसंबर को आलंदी में १७ वां वारकरी अधिवेशन आयोजित किया गया है ।
बलिराजा (कृषक समुदाय) के सुदिन आएं, उनके कष्ट दूर हों। वर्षा हो एवं राज्य जलाम , सुफलाम हो। किसान, श्रमजीवी , श्रमिक, किसान आदि राज्य के सभी लोग सुखी और संतुष्ट हों । मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने आषाढी एकादशी की शासकीय मुख्य महापूजा के समय श्री विट्ठल के चरणों में प्रार्थना की।