रामराज्य होने पर ही न्याय प्रस्थापित होगा ! – शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्‍वरानंद सरस्वती

रामराज्य’ कहने में जो बात है, वह ‘हिन्दू राष्ट्र’ कहते हुए नहीं आती । हमें हिन्दू राष्ट्र नहीं चाहिए । हमारी इच्छा तो रामराज्य की है । हिन्दू राष्ट्र रावण एवं कंस के भी थे; परंतु प्रजा को कष्ट हुआ । सबसे आदर्श राज्य रामराज्य था ।

लोहरदगा (झारखंड) के १३ हिन्दुओं की घर वापसी !

जीवन में कठिन परिस्थिति प्रत्येक के प्रारब्ध अनुसार आती रहती है । परिस्थिति सहने योग्य होने के लिए अथवा उसका सामना करने की क्षमता निर्माण होने के लिए योग्य साधना करना आवश्यक है, ऐसा हिन्दू धर्म कहता है ।