‘दी कश्मीर फाइल्स’समान ‘गोवा फाइल्स’ संदर्भ में चर्चा होगी ! – श्री. रमेश शिंदे, राष्ट्रीय प्रवक्ता, हिन्दू जनजागृति समिति
16 जून से गोवा में ‘वैश्विक हिन्दू राष्ट्र महोत्सव!’
16 जून से गोवा में ‘वैश्विक हिन्दू राष्ट्र महोत्सव!’
पिछले माह नई देहली के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के (‘जेएनयू’ के) परिसर में स्थित अनेक दीवारों पर ब्राह्मणों एवं व्यापारियों के विरुद्ध घोषणाएं (नारे) लिखी गईं । यह कृत्य वामपंथी (कम्युनिस्ट) विचारधारा से संबंधित छात्रों द्वारा किए जाने का कहा जा रहा है ।
जयपुर के सुप्रसिद्ध ‘ज्ञानम्’ महोत्सव में धर्मजागृति के उद्देश्य से प्रकाशित किए गए ‘सनातन पंचांग’ के हिन्दी भाषा की आवृत्ति, साथ ही हिन्दी आवृत्ति का ‘एंड्रायड ऐप’ और ‘ऐपल ऐप’ का प्रकाशन किया गया ।
अनादि काल से भारत एवं नेपाल हिन्दू राष्ट्र थे; परंतु धर्मनिरपेक्ष व्यवस्था के दुष्टचक्र में फंसने के कारण यहां के हिन्दुओं का दमन हो रहा है । इस स्थिति में परिवर्तन लाने हेतु पुनः संवैधानिक पद्धति से हिन्दू राष्ट्र की स्थापना करना अनिवार्य बन गया है ।
सनातन संस्था ने प्रसिद्धी पत्रक में कहा है कि, ‘पी.एफ.आई.’ पर प्रतिबंध, यह ‘गजवा-ए-हिन्द’ अर्थात भारत को ‘इस्लामिक स्टेट’ बनाने के स्वप्न संजोनेवाले जिहादी मानसिकता को तमाचा है ।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पहल करने से ‘काशी-विश्वनाथ कॉरिडोर’की निर्मिति हो गई । इससे काशी विश्वनाथ मंदिर से श्रद्धालु सीधे गंगादर्शन के लिए जा सकते हैं ।
इन्क्विजिशन’ के नामपर ईसाई मिशनरियों ने 250 वर्ष गोमंतकियों ने किए हुए अमानवीय और क्रूर अत्याचारों लिए ईसाई संस्था के प्रमुख पोप को गोमंतकियों की सार्वजनिक क्षमा मांगनी चाहिए, ऐसी मांग श्रीमती एस्थर धनराज ने की ।
हिन्दू राष्ट्र की स्थापना के लिए भारतभर में पुजारी, संत एवं मान्यवरों ने १ सहस्र ११९ मंदिरों में भगवान से प्रार्थना की गई, जबकि महाराष्ट्र, गोवा, कर्नाटक एवं तेलंगाना राज्यों में २३ स्थानों पर ‘हिन्दू एकता शोभायात्रा’ आयोजित की गईं । इसका लाभ ३४ सहस्र ६४६ जिज्ञासुओं ने लिया ।
पूरे देश के ५८ से अधिक हिन्दू संगठनों, संप्रदायों, विश्वविद्यालयों, अधिवक्ता संगठनों, पत्रकारों, उद्यमियों आदि ने पत्र के द्वारा इस अधिवेशन को अपना समर्थन दिया है ।
शोभायात्रा जब फोंडा शहर से जा रही थी, तब मजदूरी पर काम करनेवाले एक श्रमिक ने फेरी को भावपूर्ण नमस्कार किया । अन्य एक श्रमिक अपना काम छोडकर फेरी में सम्मिलित हुआ । इससे ‘भगवान को भाव प्रिय है’, इसकी प्रतीति हुई ।