‘चिंचवड़ देवस्थान ट्रस्ट’ द्वारा अष्टविनायक गणपतियों में से ३ मंदिरों सहित कुल ५ मंदिरों में वस्त्र संहिता लागू

‘चिंचवड़ देवस्थान ट्रस्ट’ का सराहनीय निर्णय ।

Kondhwa Center For Jihadists : पुणे के कोंढवा इलाके में लहराया सऊदी अरब का झंडा

इस घटना की सच्चाई की जांच कर पुलिस को दोषियों पर कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए और उन्हें सऊदी अरब भेज देना चाहिए।

Chandrakant Khaire : पूज्य संत श्री आसारामजी बापू का पंथ अभी समाप्त नहीं हुआ है ! – चंद्रकांत खैरे, पूर्व सांसद

खैरे का दावा है कि आसारामजी बापू अभी तक दोषी सिद्ध नहीं हुए हैं !

T. Raja Singh On Aurangjeb Tomb : औरंगजेब की कब्र आज भी क्यों है ?

महाराष्ट्र में औरंगजेब की कब्र एक विषैली तलवार की भांति है । महाराष्ट्र के हिन्दू मांग कर रहे हैं कि इस कब्र को राज्य से हटा दिया जाए । अब देशभर के हिन्दू पूछ रहे हैं कि औरंगजेब की कब्र आज भी यहां क्यों है ?

महाराष्ट्र में संतों का बाल भी बांका नहीं होने देंगे ! – एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री

महाराष्ट्र संतों की भूमि है । महाराष्ट्र में हम संतों का बाल भी बांका नहीं होने देंगे, यह मेरा वचन है । धर्म की रक्षा करना हम सभी का दायित्व है ।

Advocate Vishnu Shankar Jain : मंदिरों की पुनर्स्थापना ईश्वरीय कार्य है इसलिए प्रत्येक व्यक्ति इसमें सम्मिलित हो ! – अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन

वर्तमान समय में तलवार के बल पर नहीं, अपितु हमने लेखनी के बल पर यह युद्ध जीता, ऐसा हम बोल सकते हैं । मंदिरों की पुनर्स्थापना करना ईश्वरीय कार्य है तथा प्रत्येक व्यक्ति को उसमें सम्मिलित होना चाहिए, ऐसा आवाहन सर्वोच्च न्यायालय के अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने यहां किया ।

‘मल्हार सर्टिफिकेशन’ नाम को खंडोबा देवस्थान का समर्थन, तो ग्रामस्थ मंडल का विरोध !

शासन की प्रस्तावित ‘सर्टिफिकेट’ की यह योजना अच्छी है । परंतु, इस योजना को ‘मल्हार’ नाम न देकर, कोई और नाम दिया जाए ।

‘पीओपी’ पर प्रतिबंध लगाने के कारण महाराष्ट्र के लगभग ८० प्रतिशत मूर्तिशालाओं में मूर्ति बनाने का काम ठप्प !

खडिया मिट्टी, चिकनी मिट्टी अथवा प्लास्टर ऑफ पैरिस की अपेक्षा फाइबर से बनाई जानेवाली मूर्तियां अधिक प्रदूषणकारी हैं । तो इस प्रदूषण के लिए कौन उत्तरदायी है ?

MNS Chief Raj Thackeray : महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) अध्यक्ष राज ठाकरे द्वारा पवित्र गंगास्नान का अनादर !

हिन्दू धर्म में गंगास्नान का अनन्यसाधारण महत्त्व है । ऐसा होते हुए भी राज ठाकरे के इस वक्तव्य ने करोडों हिन्दू धर्मियों की भावनाएं आहत हुई हैं !

सृजनात्मक मन का विकास आध्यात्मिक अभ्यास से ही संभव है ! – रवींद्र प्रभुदेसाई, प्रबंध निदेशक, पीतांबरी उद्योग समूह

यदि उद्योग और शिक्षा साथ-साथ काम करें तो हम आगे बढ़ सकते हैं। विज्ञापन उद्योग को बढ़ावा देता है। बुद्धि और संवेदनशीलता जितनी महत्वपूर्ण हैं, आध्यात्मिक पहलू भी उतना ही महत्वपूर्ण है।