हिन्दुओं के प्राचीन पवित्र क्षेत्र ‘नैमिषारण्य’ की दुर्दशा !

धर्मशिक्षा के अभाव में लोग उचित कृति करना तथा उसका महत्त्व भी भूल गए हैं । ‘ऐसे धार्मिक स्थलों की पवित्रता बनाए रखना तथा वहां के चैतन्य का कैसे हमें लाभ मिलेगा’, इसके लिए प्रयासरत रहने के लिए समाजमानस में जागृति लाना आवश्यक है !’

साधना करने के कारण मृत्यु के उपरांत साधक को दैवी गति प्राप्त होना तथा जीवन में साधना का महत्त्व !

साधक की मृत्यु होने पर उसे साधना का पुनः एक बार अवसर मिले; इसके लिए ईश्वर उसे अच्छे वंश में जन्म दिलाते हैं; परंतु जीव साधना करनेवाला न हो, तो उसे मनुष्यजन्म लेने में अनेक वर्षाें का काल लग सकता है 

Prayagraj Kumbh Parva 2025 : कुंभ क्षेत्र पदयात्रा में गूंजी हिन्दू राष्ट्र की हुंकार !

२२ जनवरी २०२५ को अयोध्या में श्री रामलला की स्थापना समारोह के एक वर्ष पूर्ण होने के शुभ अवसर पर, हिन्दू राष्ट्र की मांग को लेकर यहां ‘हिन्दू राष्ट्र पदयात्रा’ का आयोजन किया गया । इसके माध्यम से हिन्दू राष्ट्र की गर्जना पूरे कुंभ क्षेत्र में गूंज उठी ।

सद्गुरुद्वयी द्वारा अक्षयवट के दर्शन का भावविभोर बनानेवाला क्षण !

‘पृथ्वी के प्रलय के समय भगवान श्रीविष्णु इसी अक्षयवट के पत्ते पर शिशु रूप में आकर वास करते हैं ।’, ऐसी मान्यता है ।

सनातन की ग्रंथ-प्रदर्शनी स्थल पर सद्गुरुद्वयी के दर्शन कर आनंदित हुए साधक !

कुम्भ क्षेत्र में अध्यात्म का प्रसार हो, हिन्दुओं को धर्मशिक्षा मिले तथा हिन्दुओं में हिन्दू राष्ट्र के विषय में जागृति हो, इन उद्देश्यों से ‘सनातन संस्था वाराणसी’ एवं ‘सनातन संस्था गोवा’, इन संस्थाओं की ओर से भव्य ग्रंथ एवं फलक प्रदर्शनी लगाई गई है । सद्गुरुद्वयी ने २२ जनवरी को इस प्रदर्शनी का अवलोकन किया ।

सनातन संस्था की श्रीसत्‌शक्ति (श्रीमती) बिंदा नीलेश सिंगबाळजी एवं श्रीचित्‌शक्ति (श्रीमती) अंजली मुकुल गाडगीळजी की दैवी एवं ऐतिहासिक प्रयागराज यात्रा !

सनातन संस्था के संस्थापक सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. आठवलेजी की उत्तराधिकारिणियां श्रीसत्‌शक्ति (श्रीमती) बिंदा नीलेश सिंगबाळजी एवं श्रीचित्‌शक्ति (श्रीमती) अंजली मुकुल गाडगीळजी (सद्गुरुद्वयी) ने २१ एवं २२ जनवरी को तीर्थराज प्रयागराज की यात्रा की । इस यात्रा में उन्होंने विभिन्न स्थानों का अवलोकन किया ।

सद्गुरुद्वयी की महाकुम्भ पर्व की दिव्य यात्रा के अमूल्य क्षणमोती !

सनातन संस्था की गुरुपरंपरा शंकराचार्यजी के शिष्य तोटकाचार्य से उत्पन्न आनंद अखाडे के साथ की है ।सद्गुरुद्वयी ने अखाडे के वर्तमान आचार्य महामंडलेश्वर अनंत विभूषित श्री श्री १००८ स्वामी बालकानंदगिरिजी से भेंट की तथा उन्हें सनातन के रामनाथी (गोवा) आश्रम आने का निमंत्रण दिया । सद्गुरुद्वयी से मिलकर स्वामी बालकानंदगिरिजी बहुत आनंदित हुए तथा उन्होंने सनातन के कार्य को भरभरकर आशीर्वाद दिए ।   

श्रीसत्‌शक्ति (श्रीमती) बिंदा सिंगबाळजी और श्रीचित्‌शक्ति (श्रीमती) अंजली गाडगीळजी ने अखाडा परिषद के अध्यक्ष श्री महंत रविन्द्र पुरीजी से भेंट की !

सत्‌शक्ति (श्रीमती) बिंदा सिंगबाळजी और श्रीचित्शक्ति (श्रीमती) अंजली गाडगीळजी ने श्री महंत रविन्द्र पुरीजी को सनातन संस्था के २५ वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में सनातन संस्था के रजत जयंती का स्मृति चिन्ह भेंट किया ।

तीर्थराज प्रयागराज के त्रिवेणी संगम पर हिन्दू राष्ट्र की स्थापना हेतु संकल्पपूजन एवं प्रार्थना !

‘विश्वकल्याण हेतु भारत में हिन्दू राष्ट्र की स्थापना हो’ इस उद्देश्य को लेकर तीर्थराज प्रयागराज के महाकुंभपर्व में गंगा, यमुना एवं सरस्वती इन नदियों के पवित्र त्रिवेणी संगम पर संकल्पपूजन एवं प्रार्थना की गई ।

कैलाश मानसरोवर यात्रा एवं हरिहर मिलन

कैलाश पर्वत के निकट स्थित ‘चरणस्पर्श’ का तथा ‘मानसरोवर’ का अवलोकन