सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवलेजी के ओजस्वी विचार
‘अपनी इच्छा के अनुसार न हो, तो मानसिक तनाव बढता है और आगे अनेक मनोविकार होते हैं । इसके लिए आजकल के मनोविकार विशेषज्ञ विविध उपाय सुझाते हैं; परंतु कोई भी यह नहीं सिखाता कि स्वेच्छा नहीं रखनी चाहिए ।