श्रीराम मंदिर के निर्माण-कार्य में सनातन संस्था का आध्यात्मिक सहभाग !

श्रीरामजन्मभूमि अयोध्या में श्रीराममंदिर के निर्माण में प्रत्यक्ष कारसेवा, कानूनन संघर्ष, राजनीतिक संघर्ष, प्रचार, जागृति, धनसमर्पण आदि भिन्न मार्गों से कार्य किया गया है । यह संघर्ष हिन्दुओं के स्वाभिमान का है, इसलिए सभी ने यथासंभव योगदान दिया है । इस रामकार्य में सनातन संस्था का भी योगदान आध्यात्मिक स्वरूप का था ।

अध्यात्म के अधिकारी संत अथवा आध्यात्मिक संस्था, आध्यात्मिक स्तर पर कार्य करते हैं । यह कार्य कभी भी प्रकाशित नहीं होता है । ऐसा कार्य करनेवालों में से एक है सनातन संस्था । भव्य-दिव्य कार्य होते हैं तब आध्यात्मिक स्तर पर भी बहुत कुछ किया जाता है एवं उनका अपना होता है । शारीरिक, मानसिक, बौद्धिक आदि स्तर पर कार्य करनेवालों को इसकी थोडी-बहुत जानकारी मिले, इसलिए यह लेख लिखा है ।

‘श्रीरामजन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट’ के महासचिव श्री. चंपत राय के पास अर्पण सौंपते हुए श्रीचित्शक्ति (श्रीमती.) अंजली गाडगीळजी (३१ जुलाई २०२०)

१. वर्ष २०१० में इलाहाबाद उच्च न्यायालय में श्रीरामजन्मभूमि के अभियोग का निर्णय दिया जानेवाला था, तब सनातन संस्था ने सभी साधकों एवं समाज को  आवाहन किया था, ‘रामजन्मभूमि का निर्णय हिन्दू समाज के पक्ष में आने के लिए प्रार्थना करें !’ (प्रार्थना अर्थात प्रभु श्रीराम को आर्तता से पुकारना । ऐसी पुकार केवल  भगवान के भक्त, साधक एवं संत ही कर सकते हैं !)

२. सर्वोच्च न्यायालय में रामजन्मभूमि अभियोग का निर्णय आने में विलंब हो रहा था, तब ‘इस कानूनन संघर्ष को आध्यात्मिक बल मिले तथा निर्णय शीघ्रातिशीघ्र मिले’, इसलिए जनवरी २०१९ में सनातन संस्था द्वारा पूरे देश में ‘श्रीरामनामसंकीर्तन अभियान’ कार्यान्वित किया । ‘श्रीराम का नामजप कर इस न्यायालयीन संघर्ष को  आध्यात्मिक ऊर्जा प्राप्त हो’, इसलिए यह अभियान चलाया गया था ।

३. जनवरी २०१९ से ९.११.२०१९ इन ११ माह की अवधि में सनातन संस्था के संस्थापक सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. आठवले की आध्यात्मिक उत्तराधिकारिणी श्रीसत्शक्ति (श्रीमती) बिंदा नीलेश सिंगबाळजी एवं श्रीचित्शक्ति (श्रीमती) अंजली मुकुल गाडगीळजी ने पूरे देश का दौरा कर अनेक तीर्थक्षेत्रों में अनुष्ठान एवं यज्ञ किए थे ।

श्री. चेतन राजहंस

४. ९.११.२०१९ को अर्थात प्रत्यक्ष सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय के दिन एवं प्रत्यक्ष निर्णय के समय महर्षि की आज्ञा से श्रीचित्शक्ति (श्रीमती) अंजली गाडगीळजी ने तिरुपति बालाजी के सामने खडे होकर अनुष्ठान किया ।

५. १० नवंबर २०१९ को अर्थात निर्णय प्राप्त होने के अगले दिन ‘श्रीरामजन्मभूमि में शीघ्रातिशीघ्र भव्य दिव्य मंदिर का निर्माण हो’, इसलिए श्रीसत्शक्ति (श्रीमती) बिंदा सिंगबाळजी एवं श्रीचित्शक्ति (श्रीमती) अंजली गाडगीळजी ने प्रत्यक्ष अयोध्या जाकर अनुष्ठान किया ।

६. ३१.७.२०२० को सप्तर्षि जीवनाडीपट्टीका के माध्यम से महर्षि द्वारा दी गई आज्ञा के अनुसार ‘सनातन संस्था’ के संस्थापक सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. आठवलेजी की ओर से श्रीचित्शक्ति (श्रीमती) अंजली गाडगीळजी ने अयोध्या जाकर श्रीरामजन्मभूमि मंदिर न्यास के सचिव श्री. चंपत राय को श्रीराममंदिर के भूमिपूजन हेतु स्वर्णदान दिया । इसके लिए महर्षि की आज्ञा से पंचमहाभूतों के प्रतीक के रूप में स्वर्ण के ५ मणि तैयार किए गए थे ।

७. इसी दिन श्रीचित्शक्ति (श्रीमती) अंजली गाडगीळजी ने श्रीराममंदिर के भूमिपूजन के लिए प्रत्यक्ष शिवजी के निवासस्थान कैलाश पर्वत की मिट्टी, कैलाश चरणस्पर्श मिट्टी,  कैलास गौरीकुंड की मिट्टी एवं मानस सरोवर का जल श्रीरामजन्मभूमि मंदिर न्यास के सचिव श्री. चंपत राय को सौंप दिया ।

८. १५.१.२०२४ से सनातन संस्था के साधक ‘अयोध्या में श्रीराममंदिर के प्राणप्रतिष्ठा का कार्यक्रम निर्विघ्नता से संपन्न हो’, इसलिए प्रार्थना एवं अनुष्ठान कर रहे हैं ।’

– श्री. चेतन राजहंस, राष्ट्रीय प्रवक्ता, सनातन संस्था. (१९.१.२०२४)