वैश्विक हिंदू राष्ट्र महोत्सव का छठा दिन (29 जून) – न्याय एवं संविधान
डॉ. दाभोलकर हत्याकांड एक हत्या का प्रकरण है; लेकिन समस्त जांच एजेंसियों ने उसे अलग मोड़ दे दिया । यह प्रकरण सनातन साधकों को फंसाने के एकमात्र उद्देश्य से आरंभ किया गया था ।
डॉ. दाभोलकर हत्याकांड एक हत्या का प्रकरण है; लेकिन समस्त जांच एजेंसियों ने उसे अलग मोड़ दे दिया । यह प्रकरण सनातन साधकों को फंसाने के एकमात्र उद्देश्य से आरंभ किया गया था ।
इस वर्ष हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन की तपपूर्ति (१२ वर्ष) हो रही है।रामराज्यरूपी धर्माधिष्ठित हिन्दू राष्ट्र प्रत्यक्ष साकार होने के लिए स्वक्षमता के अनुसार तन-मन-धन एवं समय आने पर सर्वस्व का त्याग करने अर्थात सर्वोच्च योगदान देने की आवश्यकता है। यह ध्यान में रखकर धर्मसंस्थापना का महान कार्य कीजिए !
‘जयतु जयतु हिन्दुराष्ट्रम्’ के उत्साहवर्धक जयघोष एवं संत-महंतों की वंदनीय उपस्थिति में रामनाथी, फोंडा स्थित श्री रामनाथ देवस्थान में हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से आयोजित वैश्विक हिन्दू राष्ट्र महोत्सव का अर्थात ‘अखिल भारतीय हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन’ का प्रारंभ हुआ ।
भाग्यनगर (हैदराबाद) में प्रतिवर्ष गणेशविसर्जन के समय मुसलमान दंगा करवाते थे l एक वर्ष हिन्दुओं ने निर्धार कर उनपर प्रतिप्रहार किया l तबसे वहां के दंगे बंद हो गए l यदि हिन्दुओं ने प्रतिप्रहार करना चालू किया तभी हिन्दू समाज की रक्षा हो सकती है l
‘‘हिन्दू एकता के बिना हिन्दू राष्ट्र का सपना हम साकार नहीं कर सकते । हिन्दुओं का एक होना ही सबसे महत्त्वपूर्ण बात है । सभी हिन्दुओं में एकता की भावना होनी चाहिए । हम भले ही विविध जाति अथवा संप्रदाय के हों, तब भी हममें एकता की भावना होनी चाहिए ।
धर्मकार्य में हमारा योगदान कितना है, यह चिंतन का विषय है । विश्व की उपेक्षा कर आगे जाना है अथवा फूल की भांति सबको सुगंध देते हुए आगे जाना है, यह हमें निश्चित करना चाहिए ।
हमारे मन में निरपराध हिन्दुत्वनिष्ठों की मुक्ति के लिए ज्वाला धधकती रहती है ! – अधिवक्ता कृष्णमूर्ती पी.
सनातन धर्म अनादि अनंत है । सनातन धर्म लाखों वर्ष पुराना है । सनातन धर्म, सभी धर्मों का मूल है । प्रभुपाद स्वामीजी ने अमेरिका में ‘इस्कॉन’की स्थापना की । इस माध्यम से उन्होंने सनातन धर्म का जगभर प्रसार किया ।
हिन्दुओं के गौरवशाली इतिहास का विकृतिकरण कर उन्होंने हिन्दुओं में संभ्रम की स्थिति निर्माण की और झूठा इतिहास उन पर थोपा ।
वर्ष २०२५ में बृहस्पति, राहु और शनि इन ग्रहों का स्थानपरिवर्तन होनेवाला है । यह परिवर्तन दुर्लभ है । इससे, वर्ष २०२५ के उत्तरार्ध में धर्मनिष्ठों को बल मिलेगा ।