सामाजिक माध्यम चला रहे हैं ‘मनमानी न्यायालय´! – मुख्य न्यायाधीश एन.वी. रमणा
जनमानस का विचार है कि ऐसे सामाजिक माध्यमों पर न्यायालय को प्रतिबंध लगाने चाहिए !
जनमानस का विचार है कि ऐसे सामाजिक माध्यमों पर न्यायालय को प्रतिबंध लगाने चाहिए !
देश में ऐसे सैकडों ‘दाग’ हैं, पहले भी थे और आगे भी रहेंगे, इसमें जनता को संदेह नहीं ! यदि इस स्थिति को बदलना है, तो बडा संघर्ष करना पडेगा; लेकिन इसके लिए जनता की तैयारी नहीं, यही वस्तूस्थिति है !
तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख और राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अब इस विषय पर चुप क्यों ? उन्हें इस घोटाले की जानकारी नहीं थी, क्या वह ऐसा कह सकती हैं ? इस प्रकरण में उन्हे त्यागपत्र देना अपेक्षित है !
ज्ञानवापी परिसर में मिले शिवलिंग की पूजा करने की अनुमति मांगने वाली और उसकी ‘कार्बन डेटिंग’ (कोई वस्तु कितने वर्ष पुरानी है, यह जांचना) करने की मांग करने वाली नई याचिका पर अभी सुनवाई करने के लिए सर्वोच्च न्यायालय ने मना कर दिया ।
हिन्दुओं की यही अपेक्षा है कि उत्तर प्रदेश के भाजपा शासन के साथ-साथ केंद्र भी श्रीकृष्ण जन्मभूमि को मुक्त करा कर हिन्दुओं को न्याय दिलाये !
गुवाहाटी उच्च न्यायालय ने असम में सोनारी महानगरपालिका क्षेत्र में गोमांस की बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध को चुनौती देनेवाली एक याचिका पर महापालिका को नोटिस जारी की है ।
जब हिन्दुओं और हिन्दुत्व के लिए प्रतिकूल समय था, तब अनेक राष्ट्रविरोधी शक्तियों ने उसमें अपने हाथ धो लिए । अब उसका दंड भुगतने का समय आ गया है; क्योंकि आज के समय में हिन्दुओं, हिन्दुत्व और हिन्दू राष्ट्र के लिए अनुकूल समय बडी तीव्र गति से आ रहा है ।
हिन्दुओं को लगता है कि सरकार अब संपूर्ण साक्ष्य लोगों के समक्ष प्रस्तुत करे एवं मंदिर के पुनर्निर्माण के निर्णायक प्रयत्न करे !
गत १४ वर्षों में निर्दोषों ने जो कुछ भी भोगा है, उसकी हानि भरपाई की जानी चाहिए । इस संबंध में केंद्र सरकार को अब कानून बनाना चाहिए !