Krishna Janmabhoomi Case : सभी अभियोग की एकत्रित सुनवाई करने के विरुद्ध मस्जिद कमेटी की याचिका सर्वोच्च न्यायालय द्वारा अस्वीकार
न्यायालय का समय बचाने के उद्देश्य से इस पर एकत्र सुनवाई करने का आदेश इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने दिया था ।
न्यायालय का समय बचाने के उद्देश्य से इस पर एकत्र सुनवाई करने का आदेश इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने दिया था ।
इसकी जानकारी प्रमुख हिन्दू पक्षकार ‘श्रीकृष्णजन्मभूमि मुक्ति निर्माण ट्रस्ट’ के अध्यक्ष एवं सिद्धपीठ माता शाकम्भरी पीठाधीश्वर भृगुवंशी आशुतोष पांडेय ने ‘सनातन प्रभात’ को दी ।
भारत के हिन्दुओं के अनेक मंदिरों को मुस्लिम आक्रामकों ने तोड कर उनका मस्जिदों में रूपांतरण किया । चूंकि अब हिन्दू जागृत हो गए हैं इसलिए ये धार्मिक स्थल वापस देने की मांग कर रहे हैं ।
श्रीकृष्ण जन्मभूमि मुक्ति निर्माण ट्रस्ट के अध्यक्ष आशुतोष पांडे ने सोशल मीडिया के माध्यम से एक वीडियो प्रसारित करके जिला प्रशासन तथा ईदगाह मस्जिद समिति को चेतावनी दी है ।
हिन्दुओं की इलाहाबाद उच्च न्यायालय से मांग
श्रीकृष्ण जन्मभूमि मुक्ति निर्माण ट्रस्ट द्वारा ५ मार्च को मथुरा जिला न्यायालय में एक याचिका प्रविष्ट की गई है । श्रीकृष्णजन्मभूमि के १३.३७ एकड भूमि का यह प्रकरण है एवं ‘भगवान श्रीकृष्णजी की श्रीकृष्णजन्मभूमि में बालक रूप में पूजा की जाती है ।
उन्होंने आगे कहा कि आज के समय में संपूर्ण वातावरण राममय हुआ है । ‘विरोधी यदि श्री रामलला (श्रीराम का बालक रूप) के मंदिर में नहीं जाते, तो उन्हें हिन्दुओं के मत लेने का क्या अधिकार है ?’
हिन्दुओं, अपनी धरोहरों पर अपना अधिकार वापस प्राप्त करने हेतु लंबी लडाई के लिए तैयार रहें !
भाजपा के अधिकांश नेताओं का यह कहना है कि भाजपा स्वयं यह प्रस्ताव रखें तथा अन्य संगठनों से इसका समर्थन करने का आग्रह रखे ।
इरफान हबीब, रोमिला थापर, आर.एस. शर्मा जैसे हिन्दू-द्वेषी और कम्युनिस्ट इतिहासकारों ने भारत को वैचारिक रूप से प्रचंड हानि पहुंचाई है। ऐसे वैचारिक आतंकवादियों पर अब दंडात्मक कार्रवाई होनी ही चाहिए !