Allahabad HC Urges Media : श्रीकृष्णजन्मभूमि के प्रकरण में अनुचित वार्तांकन (बहस) करना, अर्थात न्यायालय का अनादर !

इलाहाबाद (प्रयागराज) उच्च न्यायालय की प्रसारमाध्यमों को चेतावनी

Shrikrishna Janmabhoomi : इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने मुस्लिम पक्ष की याचिका निरस्त की !

श्रीकृष्ण जन्मभूमि संबंधी १८ प्रकरणों को एकत्र न करने की याचना मुस्लिम पक्ष ने की थी !

Krishna Janmabhoomi : हिन्दुओं की याचिका पर अलाहाबाद उच्च न्यायालय में सुनवाई होगी !

श्रीकृष्ण जन्मभूमि प्रकरण में सर्वोच्च न्या‍यालय ने अलाहाबाद उच्च न्यायालय की सुनवाई को स्थगिति देना स्वीकार नहीं किया

Shahi Eidgah Mosque : मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मभूमि पर स्थित शाही ईदगाह मस्जिद को बम से उडाने की धमकी देनेवाला गिरफ्तार

धमकी देनेवाले की मानसिक स्थिति ठीक नहीं होने की सूचना

Shahi Idgah Case : शाही इदगाह का ‘धार्मिक स्‍वरूप’ निश्‍चित करना आवश्यक। – अलाहाबाद उच्‍च न्‍यायालय

मथुरा का श्रीकृष्‍णजन्‍मभूमि-शाही ईदगाह विवाद !

Himanta Biswa Sarma : भाजपा को ४०० सीटें मिलीं, तो ज्ञानवापी और श्रीकृष्ण जन्मभूमि पर भव्य मंदिर बनवाया जाएगा !

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिश्व शर्मा का बयान 

Shri Krishna Janmabhoomi Case : श्रीकृष्ण जन्मभूमि से संबंधित सभी मामलों की सुनवाई एकसाथ होगी !

न्यायालय ने मुसलमान पक्ष की मांगों को अस्वीकार किया । इसलिए अब इन याचिकाओं की सुनवाई एकसाथ उच्च न्यायालय में होगी ।

K K Muhammed : मुसलमानों को काशी तथा मथुरा के स्‍थान हिन्दुओं को सौंप देने चाहिए ! – वरिष्ठ पुरातत्‍ववेत्ता के.के. मोहम्‍मद

मेरे पूर्वजों ने भारत में हजारों मंदिरों को नष्ट कर दिया था ।’ उनके आत्‍मक्‍लेष के कारण मैंने प्राचीन मन्‍द़िरों के पुनर्निर्माण का कार्य किया । वह ‘भंडारकर प्राच्‍यविद्या अनुसंधान मंदिर’ में आयोजित व्‍याख्‍यान ’भारत : विरासत तथा संस्‍कृति’ विषय पर बोल रहे थे ।

श्रीकृष्ण जन्मभूमि की शाही ईदगाह मस्जिद में विद्यमान कृष्ण कुएं की हिन्दू महिलाओं ने की पूजा !

यहां की श्रीकृष्ण जन्मभूमि की शाही ईदगाह मस्जिद में विद्यमान कृष्ण कुएं की हिन्दू महिलाओं ने पूजा की ।

Krishna Janmabhoomi Case : सभी अभियोग की एकत्रित सुनवाई करने के विरुद्ध मस्जिद कमेटी की याचिका सर्वोच्च न्यायालय द्वारा अस्वीकार

न्यायालय का समय बचाने के उद्देश्य से इस पर एकत्र सुनवाई करने का आदेश इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने दिया था ।