कर्नाटक में अनुचित व्यक्ति को बंदी बनाने के कारण उच्च न्यायालय ने दिया उसे ५ लाख रुपए क्षतिपूर्ति देने का आदेश

यह रकम संबंधित पुलिस अधिकारियों से ही प्राप्त करनी चाहिए ! देश में इस प्रकार घटनेवाली साथ ही बंदी बनाने के पश्चात व्यक्ति यदि निरपराध मुक्त हुआ, तो उसे हानिपूर्ति देने का अधिनियम करना भी आवश्यक है !

४ घूसखोर रोहंगिया मुसलमान महिलाओं को उनके देश में भेजने को लेकर कोलकाता उच्च न्यायालय की रोक

वर्ष २०१६ में इन महिलाओं को उनके १३ बच्चों सहित भारत में घूसखोरी करने के कारण बंदी बनाया गया था । न्यायालय ने उन्हें दोषी ठहराकर दंड दिया था ।

सुबह अथवा सायंकाल में देर होने पर अवैध निर्माणकार्याें पर बिना नोटिस के कार्यवाही नहीं होनी चाहिए ! – देहली उच्च न्यायालय का आदेश

देहली के ‘शकुरपुर स्लम युनियन’ द्वारा प्रविष्ट याचिका पर न्यायालय ने यह आदेश दिया । यहां की ३०० झुग्गियों पर कोई भी नोटिस दिए बिना कार्यवाही की गई थी । इसलिए यह याचिका प्रविष्ट की गई थी ।

अभिनेत्री रत्ना पाठक शाह तथा ‘पिंकविला’ प्रणाली को प्रियांका मिश्रा द्वारा वैधानिक सूचना (नोटिस) !

हिन्दू धर्म के अनादर के विरुद्ध वैधानिक लडाई लडनेवाली प्रियांका मिश्रा का अभिनंदन !

दिल्ली न्यायालय की निलंबित महिला न्यायाधीश और उनके पति के विरोध में अपराध प्रविष्ट

जहां भ्रष्टाचार न हो, ऐसा एक भी क्षेत्र शेष है क्या ? यह स्थिति हिन्दु राष्ट्र अपरिहार्य करती है !

सांसद संजय राऊत को ४ अगस्त तक ‘ईडी’ ने बंदी बनाया

गोरेगाव की पत्राचाळ में आर्थिक घोटाले के प्रकरण में शिवसेना के सांसद संजय राऊत को प्रवर्तन निदेशालय के विशेष न्यायालय ने ४ अगस्त तक बंदी सुनाई है ।

धर्मांध दंगाइयों की याचिका एवं देहली उच्च न्यायालय की भूमिका !

पहले दंगे में सम्मिलित होना, तत्पश्चात मूलभूत अधिकार का हनन हो रहा है कहना, यह उचित नहीं । ऐसा कहते हुए न्यायालय ने धर्मांध की देहली पुलिस के विरुद्ध की याचिका अस्वीकार की ।

केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी पर किया ट्वीट निकाल दें ! – दिल्ली उच्च न्यायालय का कांग्रेस के नेताओं को आदेश

केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी और उनकी लडकी पर गोवा के एक रेस्टोरेंट के प्रकरण में किए गए आरोप पर दिल्ली उच्च न्यायालय ने कांग्रेस के नेताओं को फटकारते हुए इस संबंध में किया गया ट्वीट २४ घंटे में निकालने का आदेश दिया है ।

इजिप्त में लोगों में डर निर्माण होने के लिए फांसी के दंड की कार्यवाही का सीधा प्रसारण करने का न्यायालय का आदेश !

‘अपराधियों में डर कैसे निर्माण करना चाहिए ?’, यह इजिप्त के न्यायालय से सीखें ! भारत में भी ऐसा होने के लिए शासनकर्ताओं को प्रयत्न करने चाहिए, यह अपेक्षा !

‘संतानोत्पत्ति के लिए कैदी को पेरोल मिल सकती है क्या ?’, इस पर उच्चतम न्यायालय में होगी सुनवाई !

पत्नी निर्दोष है और उसे कोई भी दंड नहीं मिला है । उसे मातृत्व से वंचित न रखा जाए । वंश संरक्षण के उद्देश्य से विविध धार्मिक ग्रंथ, साथ ही न्यायिक निर्णयों में भी संतानोत्पत्ति को महत्व दिया गया है ।