SANATAN PRABHAT EXCLUSIVE : देश की सरकार ‘हिस स्टोरी ऑफ इतिहास’ फिल्म के प्रसारण के लिए सहायता करे !

ऐसी फिल्मों के अधिक से अधिक प्रसारण के लिए हिन्दुओं द्वारा प्रयास किया जाना, उनका धर्मकर्तव्य है; इसे ध्यान रखते हुए, जनता को ऐसी फिल्मों को स्थानीय सिनेमाघरों में चलाने की मांग करते रहना, अति आवश्यक !

हिन्दू मंदिरों को उनका पूर्व वैभव दिलाने के लिए न्यायालयीन लडाई लडनेवाले सर्वोच्च न्यायालय के धर्माभिमानी अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन !

शरीर में प्राण रहने तक मैं धर्म के लिए संघर्ष करता रहूंगा । जिस प्रकार हमने श्रीराममंदिर के लिए अभियोग लडा, उसी प्रकार ज्ञानवापी के लिए एवं मथुरा के लिए अभियोग लड रहे हैं ।

Mahabharata Dating : १३ जून को ‘प्राच्यम’ का बहुप्रतीक्षित वृत्तचित्र ‘महाभारत का कालनिर्धारण’ होगा प्रदर्शित !

प्रसिद्ध शोधकर्ता श्री  नीलेश ओक के शोध पर आधारित ।

मैसुरू वाडियार राजघराना : दक्षिण भारत की गौरवशाली परंपरा का प्रतीक !

वर्तमान में हिन्दुत्व के विषय में गलत प्रचार बढ गया है । हिन्दुत्व सभी को समझना चाहिए । हमारा विरोध करेंगे, तो उसे हम भले ही सहन कर लें; परंतु यदि हमारे धर्म का किसी ने विरोध किया, तो हम उसे सहन नहीं करेंगे ।

‘His Story Of Itihaas’ Movie : किसी भी आधिकारिक प्रतिबंध के बिना ही ‘हिस स्टोरी ऑफ इतिहास’ जैसे फिल्मो के प्रसारण को रोका जाता है

शालेय पाठ्यपुस्तकों के माध्यम से भारतीय इतिहास के विकृतिकरण को लेकर बनी फिल्म ‘His Story of इतिहास’ कुछ दिन पूर्व ही प्रदर्शित हुई है । यह फिल्म प्रखर हिन्दूत्वनिष्ठ लेखक नीरज अत्री के जीवन पर आधारित है।

Hindu temple unsafe in Pakistan: पाकिस्तान में १०० वर्ष पुराने शिव मंदिर की भूमि पर अतिक्रमण !

पाकिस्तान में हिन्दू मंदिर असुरक्षित !

समाज के सामने देश का सच्चा इतिहास रखने हेतु अनवरत परिश्रम करनेवाले बेंगलुरू (कर्नाटक) के ‘पद्मभूषण’ डॉ. प्रा. एस.एल. भैरप्पा (आयु ९३ वर्ष) ! 

बेंगलुरू (कर्नाटक) के डॉ. प्रा. एस.एल. भैरप्पा का जन्म २० जुलाई १९३१ को हासन जिले के चन्नरायपट्टण तहसील के संतशिवर नामक गांव में हुआ । अपने बचपन में ही ‘बुबोनिक प्लेग’ के कारण उन्होंने उनकी माता एवं भाई को खो दिया ।

स्वयं ईसाई होते हुए भी हिन्दू धर्म का अध्ययन करनेवाली मारिया वर्थ !

हिन्दुओं को उनके ऋषियों द्वारा अविष्कारित सिद्धांतों को समझकर उसके अनुसार आचरण करना आवश्यक है । वर्तमान में विशेषकर युवा पीढी में यह बहुत अल्प दिखाई देता है ।

(कथित रूप से कहा) ‘औरंगजेब की कब्र की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए ‘।

स्वयं को अंतिम मुगल बादशाह बहादुर शाह जफर का वंशज बताने वाले याकुब हबीबुद्दीन तुसी ने संयुक्त राष्ट्र संघ के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस को एक पत्र लिखा है। इसमें उन्होंने मांग की है ।

भारत के गौरवशाली हिन्दू इतिहास को पुनर्जीवन देनेवाले डॉ. विक्रम संपत !

कर्नाटक के बेंगलुरू में स्थित डॉ. विक्रम संपत एक लोकप्रिय इतिहासकार तथा लेखक हैं । वर्ष २०२१ में प्रसिद्ध ‘रॉयल हिस्टॉरिकल सोसाइटी’का ‘फेलो’के रूप में उनका चयन हुआ ।