मथुरा जिला न्यायालय सभी प्रलंबित याचिकाओं का ३ माह के भीतर निस्तारण करें ! – इलाहाबाद उच्च न्यायालय !

मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद का प्रकरण !

प्रयागराज (उत्तर प्रदेश) – इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि और विवादित शाही ईदगाह मस्जिद के प्रकरण की सुनवाई करते हुए मथुरा जिला न्यायालय को अगामी ३ महीने के भीतर प्रकरण से संबद्ध सभी प्रलंबित याचिकाओं का निपटारा करने का आदेश दिया । अपेक्षा है कि उच्च न्यायालय के इस आदेश के फलस्वरूप शीघ्र ही ईदगाह मस्जिद का वैज्ञानिक सर्वेक्षण प्रारंभ हो सकता है । उपरोक्त आदेश भगवान श्रीकृष्ण के वंशज मनीष यादव द्वारा प्रविष्ट एक याचिका पर पारित किया गया ।

इस संबंध में याचिकाकर्ता मनीष यादव ने कहा कि १४ अप्रैल २०२१ को मथुरा जिला न्यायालय में ‘शाही ईदगाह मस्जिद´और उसके परिसर का वैज्ञानिक सर्वेक्षण एवं संशोधन करने की मांग वाली एक याचिका प्रविष्ट की गई थी, किन्तु न्यायालय ने कोई आदेश पारित करने के स्थान पर इसे प्रलंबित रखा। इससे पूर्व भी मई २०२२ में उच्च न्यायालय ने इस संबंध में ४ महीने के भीतर प्रकरण पर निर्णय देने का आदेश दिया था । पिछले २ महीनों में इस पर कोई प्रगति नहीं हो सकी, इसलिए अब ३ महीने की नई समय सीमा दी गई है । इस प्रकरण में ‘सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड’ ने विरोध जताया है ।

हिन्दू पक्ष की भूमिका !

हिन्दू पक्ष का कहना है कि शाही ईदगाह मस्जिद में मंदिर का प्रतीक स्वस्तिक चिन्ह है और मंदिर का गर्भगृह मस्जिद के नीचे स्थित है। इसके साथ ही वहां हिन्दू वास्तुकला के अन्य प्रमाण भी मिलते हैं । यह सब वैज्ञानिक सर्वेक्षण के उपरांत ही उजागर होगा ।

हिन्दुओं की न्याय युक्त मांग !

इस प्रकरण में अब तक स्थानीय न्यायालयों में १२ से अधिक याचिकाएं प्रविष्ट की जा चुकी हैं । १३.३७ एकड़ क्षेत्र में स्थित शाही ईदगाह मस्जिद को हटाया जाए, यह मस्जिद श्री कटरा केशव देव मंदिर के समीप है, इन सभी याचिकाओं में यह सामूहिक मांग की गई है । अन्य मांगों के अतिरिक्त याचिकाओं में वाराणसी की ज्ञानवापी ईदगाह मस्जिद जैसा सर्वेक्षण करने एवं वहां हिन्दुऒ को पूजा-अर्चना करने का अधिकार देने की भी मांग की गई है ।

संपादकीय भूमिका

हिन्दुओं की यही अपेक्षा है कि उत्तर प्रदेश के भाजपा शासन के साथ-साथ केंद्र भी श्रीकृष्ण जन्मभूमि को मुक्त करा कर हिन्दुओं को न्याय दिलाये !