यद्यपि भारत स्वतंत्र है, तथापि हमारी शिक्षाप्रणाली परतंत्र की है ! – जगदीश चौधरी निर्देशक, बालाजी ग्रुप ऑफ इन्स्टिट्यूशन्स, हरियाणा

भारतीय स्वावलंबी न बनकर सदैव गुलाम बने रहें, ऐसी शिक्षा प्रणाली अंग्रेजों ने बनाई । इस प्रकार की शिक्षा प्रणाली से अंग्रेजों ने भारतियों की रीढ तोड दी । भारतीय शिक्षा मोक्षप्राप्ति की दिशा देनेवाला है ।

(और इनकी सुनिए…) ‘भगवान श्रीकृष्ण  भी रुक्मिणी को भगाकर ले गए थे !’ – भूपेन बोरा, कांग्रेस के असम प्रदेशाध्यक्ष

कांग्रेसियों से इससे भिन्न अपेक्षा भी क्या  हो सकती है ? यदि बोरा ने अन्य धर्मियों के श्रद्धास्रोतों  के विषय में इस प्रकार का वक्तव्य दिया होता, तो अब तक उनका सर धड से जुदा करने के फतवे निकल गए होते !

ज्ञानवापी के वैज्ञानिक सर्वेक्षण के विरुद्ध मुसलमान पक्ष द्वारा इलाहाबाद उच्च न्यायालय में याचिका प्रविष्ट

अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद कमिटी ने उच्च न्यायालय में न जाकर सीधे सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दी थी । उस पर न्यायालय ने उन्हें उच्च न्यायालय में जाने का आदेश दिया था ।

‘द बैटल स्टोरी ऑफ सोमनाथ’ चलचित्र का टीजर प्रदर्शित

सोमनाथ मंदिर पर गजनी द्वारा किए गए आक्रमण के समय हुए युद्ध का चित्रण

हिन्दुओं के प्रतीकों को आक्रमकों द्वारा दिए नाम बदलना, हमारा राष्ट्रीय कर्तव्य है ! – दुर्गेश परूळकर, लेखक एवं व्याख्याता, ठाणे

औरंगजेब प्रात:स्मरणीय नहीं, अपितु छत्रपति शिवाजी महाराज एवं धर्मवीर संभाजी महाराज हमारे लिए प्रात:स्मरणीय हैं । हमारे पूर्वजों द्वारा दिए गए नाम बदलने के पीछे अपनी संस्कृति नष्ट करना ही इन आक्रमकों का षड्यंत्र था ।

ब्रिटेन के वस्तु संग्रहालय में रखी जगदंबा तलवार और बघनखा महाराष्ट्र में लाने के लिए सहयोग करें !

मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का ब्रिटेन के उप उच्चायुक्त हरजिंदर कांग को आवाहन

स्वातंत्र्य वीर सावरकर सहित ५० महापुरुषों की जीवन गाथा पढाई जाएगी !

उत्तर प्रदेश शिक्षा मंडल ने राज्य के शैक्षणिक पाठ्यक्रम में परिवर्तन किया है । अब पाठ्यपुस्तक के माध्यम से स्वातंत्र्य वीर सावरकर समेत ५० महापुरुषों की जीवन गाथा पढाई जाएगी ।

नई संसद भवन के ‘अखंड भारत’ के मानचित्र का भारतीयों द्वारा स्वागत !

अखंड भारत के मानचित्र में प्राचीन भारत के महत्त्व के राज्य एवं नगर चिन्हांकित किए गए हैं । इसके साथ ही वर्तमान के पाकिस्तान में स्थित तत्कालीन तक्षशिला में प्राचीन भारत का प्रभाव दर्शाया गया है ।

भारत के वैचारिक विनाश का एक वस्तुनिष्ठ इतिहास !

अमेरिका एवं ब्रिटेन के एक नए भूराजनीतिक पारी का उदय हुआ तथा वह था ‘भारत का विभाजन’ ! शीघ्रता में डिकी माउंटबेटन को भारत का ‘वाइसराय’ बनाया गया । उसे एक धारिका दी गई, जिस पर लिखा था ‘ऑपरेशन मैड हाउस’ !

(इनकी सुनिए) ‘वैज्ञानिक शोध पुराणों में ही लिख कर रखे हैं, ऐसा कहनेवालों से बात कैसे करेंगे ?’

जिस क्षेत्र का हमें ज्ञान नहीं है, उसके विषय में अपनी अज्ञानता का प्रदर्शन तो न करें, यह सरल एवं सीधा सामाजिक नियम भी न जाननेवाले हिन्दूद्वेषी स्वयं का ही उपहास उडा रहे हैं !