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मुंबई – औरंगजेब की २ पत्नियां काशी विश्वेश्वर के दर्शन के लिए गईं थीं; परंतु वे पुन: नहीं लौटीं । वहां मंदिर के पंडित महिलाओं को सुरंग में ले जाकर भ्रष्ट करते थे । औरंगजेब को यह ध्यान में आने पर उसने मंदिरों की तोडफोड आरंभ की । ‘ऐसे लोग नहीं चाहिए’, इसलिए उसने कुछ को मार डाला । आगे इतिहासकारों द्वारा ऐसा उल्लेख किया गया है कि ‘औरंगजेब हिन्दूद्वेषी था ।’ हिन्दूद्वेषी लेखक भालचंद्र नेमाडे के इस वक्तव्य कर सामाजिक माध्यमों पर भारी मात्रा में टिप्पणी की जा रही है । (छत्रपति संभाजी महाराजजी को अत्यंत निर्दयता से मृत्यु के घाट उतारनेवाले औरंगजेब का उदात्तीकरण करनेवाले ऐसे लेखकों को सरकार कारागृह में डाल दे ! – संपादक) ५ अगस्त को मुंबई मराठी ग्रंथ संग्रहालय के शतकोत्तरी रौप्य महोत्सव के संपन्नता समारोह में नेमाडे बोल रहे थे । इस अवसर पर व्यासपीठ पर राष्ट्रवादी कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद पवार भी उपस्थित थे । भालचंद्र नेमाडे के इन वक्तव्यों पर सामाजिक माध्यमों द्वारा भारी मात्रा में टीका-टिप्पणी की जा रही है ।
नेमाडे द्वारा पेशवाओं पर अश्लील टीका-टिप्पणी !
पेशवाओं को सबक सिखाने के लिए अंग्रेज आए । वे भी बदमाश थे; परंतु पेशवाओं से कम बदमाश ! औरंगजेब के काल में अनेक मुसलमान राजाओं की रानियां हिन्दू थीं । उस समय हिन्दू-मुसलमान, ऐसा भेद नहीं था । शाहजहां की मां भी हिन्दू ही थी । औरंगजेब की सेना में ५० प्रतिशत से भी अधिक लोग हिन्दू थे । उस समय जो पेशवा थे वे सभी दुष्ट ही नहीं, अपितु नीच वृत्ति के थे । यह नानासाहेब पेशवा कहीं भी जाता, तो अव्यस्क लडकियों को ‘तैयार’ रखने के लिए कहता था । नानासाहेब पेशवा द्वारा लिखे पत्र मैंने स्वयं भी पढे हैं । इसलिए वास्तविक इतिहास समझ लें ।’’ (केेवल ब्राह्मणद्वेष के कारण पेशवाओं पर अश्लील टीका-टिप्पणी करनेवाले समाज में वैचारिक प्रदूषण निर्माण कर रहे हैं ! – संपादक)
लेखक भालचंद्र नेमाडे इनका हिन्दूद्वेषी भाषण (सौजन्य : TV9 Marathi)
(और इनकी सुनिए..) ‘शिवाजी महाराज का हिन्दुओं से अधिक मुसलमानों पर विश्वास था !’
शिवाजी का मुख्य सेनापति मुसलमान था । उन्हें अपने लोगों पर (हिन्दुओं पर) विश्वास नहीं था । उस समय हिन्दू मुसलमान भेद ही नहीं था ।
मंत्री गिरीश महाजन भालचंद्र नेमाडे के वक्तव्य के विषय में बोले, ‘‘नेमाडे यह सरासर गलत इतिहास कहां से लाए, यह समझ में ही नहीं आ रहा । अधिक आयु हो जाने से आप कुछ भी बोलें, यह सहन करने के परे है ।’’
शिवसेना के प्रवक्ता संजीव भोर पाटील नेमाडे के वक्तव्य के विषय में प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए बोले, ‘‘शहाजीराजे भोसले के निधन के उपरांत राजमाता जिजाऊ सती नहीं हुईं । ऐसे अनेक उदाहरण इतिहास में देखने मिलते हैं; परंतु इस सामाजिक कार्य का श्रेय औरंगजेब को देना गलत है । प्रकाश आंबेडकर एवं भालचंद्र नेमाडे जैसे लोग क्रूर औरंगजेब का उदात्तीकरण कर रहे हैं ।’’
Details:Objectionable Statement: Mr. Bhalchandra Nemade has reportedly made false and derogatory statements against Hindu Bramhins, which have the potential to harm their reputation and cause social unrest.
He said, “When I read the books, I realized that the information about… pic.twitter.com/UWe5DQ3UwR
— ADV. ASHUTOSH J. DUBEY 🇮🇳 (@AdvAshutoshBJP) August 7, 2023
संपादकीय भूमिकाइस प्रकार के निराधार एवं तथ्यहीन वक्तव्य कर हिन्दुओं के घावों पर नमक छिडकनेवाले भालचंद्र नेमाडे वैचारिक आतंकवादी ही हैं ! औरंगाजेब के कुकृत्य छिपाने के लिए एवं उसका उदात्तीकरण करने के लिए साम्यवादियों ने यह झूठा इतिहास रचा है । नेमाडे उसी का समर्थन कर रहे हैं ! |