मुस्लिम समुदाय को इस ऐतिहासिक चूक को स्वीकार कर लेना चाहिए !

  • उत्तर प्रदेश के मुख्य मंत्री योगी आदित्यनाथ का स्पष्ट कथन !

  • ज्ञानवापी में त्रिशूल क्यों ? यह प्रश्न भी पूछा !

उत्तर प्रदेश के मुख्य मंत्री योगी आदित्यनाथ

लक्ष्मणपुरी (उत्तर प्रदेश) – ज्ञानवापी के अंदर देवताओं की मूर्तियां हैं, ये मूर्तियां हमने नहीं रखीं । ज्ञानवापी को ‘मस्जिद’ कहा तो विवाद होगा । यह एक ऐतिहासिक भूल  है । जिसे ईश्वर ने दृष्टि दी है उसे देखने दें कि मस्जिद के अंदर त्रिशूल क्यों है ? उत्तर प्रदेश के मुख्य मंत्री योगी आदित्यनाथ ने समाचार संस्था ‘ए.एन.आई.’ को साक्षात्कार देते हुए कहा, ‘हमने इसे नहीं रखा है ।’ इस प्रकार प्रथमतः योगी आदित्यनाथजी ने ज्ञानवापी के संबंध में इतना स्पष्ट वक्तव्य दिया है ।

मुसलमानों की ओर से प्रस्ताव आना चाहिए !

योगी आदित्यनाथ ने कहा कि ज्ञानवापी में ज्योतिर्लिंग है । देवी-देवताओं की मूर्तियां हैं । संपूर्ण दीवारें चीख-चीख कर क्या क्या कह रही हैं ? मुझे लगता है कि मुस्लिम समुदाय की ओर से यह प्रस्ताव आना चाहिए कि यह एक ऐतिहासिक त्रुटि है । हमें उस त्रुटि का समाधान चाहिए ।

क्या आप देश को बंगाल बनाना चाहते हैं ?

योगी आदित्यनाथ ने बंगाल में पंचायत चुनाव के समय हुई हिंसा की भी आलोचना की । उन्होंने कहा कि मैं गत साढे छह वर्ष से उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री हूं । वर्ष २०१७ के उपरांत उत्तर प्रदेश में एक भी दंगा नहीं हुआ है । लंबे चौडे वक्तव्य देने वाले लोग देख सकते हैं कि उत्तर प्रदेश में चुनाव कैसे होने वाला है । बंगाल में भी चुनाव हुए । क्या आपने देखा कि वहां क्या हुआ ? क्या आप देश को बंगाल बनाना चाहते हैं ? कुछ लोग सत्ता में आकर पूरी व्यवस्था को बलपूर्वक नियंत्रित करना चाहते हैं । बंगाल में विपक्षी दल के लोगों के प्राण गए । इसके संबंध में कोई बात नहीं करता । जो लोग लोकतंत्र की हत्या करने का प्रयत्न कर रहे हैं, वे ही लोकतंत्र की प्रशंसा कर रहे हैं ।’ वर्ष १९९० में कश्मीर में जो हुआ उस पर सभी चुप हैं । ये दोहरी नीति क्यों ?

आपका धर्म आपकी मस्जिद तक होगा, सडक पर नहीं !

एक अन्य प्रश्न का उत्तर देते हुए मुख्य मंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि देश आस्था एवं धर्म से नहीं, अपितु संविधान से चलेगा । आपका मत, आपकी धर्म पद्धति आपके घर तथा आपके प्रार्थना स्थल तक होगी । आपको सडक पर प्रदर्शन करने की आवश्यकता नहीं । ‘आप कौन हैं’ यह आप अन्यों पर नहीं थोप सकते । देश पहले आता है । यदि किसी को देश में रहना है तो उसे यह विश्वास करना होगा कि धर्म नहीं, अपना मत सर्वोपरि है, राष्ट्र सर्वोपरि है ।