हिन्दू धर्म की रक्षा के लिए युवकों को प्रेरित करें ! – प्रकाश सिरवानी, पश्चिम विदर्भ संपर्कप्रमुख, भारतीय सिंधु सभा
हिन्दुओं को अपने धर्मग्रंथों का अध्ययन करना चाहिए । धर्मग्रंथों का अध्ययन करने से हिन्दुओं का धर्मांतरण नहीं होगा
हिन्दुओं को अपने धर्मग्रंथों का अध्ययन करना चाहिए । धर्मग्रंथों का अध्ययन करने से हिन्दुओं का धर्मांतरण नहीं होगा
हिन्दू जनजागृति समिति के श्री. गुरुराज प्रभु ने बताया कि ‘‘जिस विधि से अंतःचक्षु खुलने में सहायता होती है, वह उपनयन संस्कार है ।
श्रीक्षेत्र शनि शिंगनापुर के ‘श्री शनैश्चर’ जागृत देवस्थान पर पिछले ३-४ वर्ष से कुछ श्रद्धालु पाश्चात्त्य पद्धति से केक काट कर श्री शनिदेवता की जयंती मनाते थे ।
सायंकाल के समय झाडू न लगाएं; क्योंकि इस काल में वायुमंडल में रज-तमात्मक स्पंदनों का संचार बडी मात्रा में होता है ।
देवता को भोग लगाने के उपरान्त उस अन्न को देवता का प्रसाद मानकर ग्रहण करने से उस अन्न से देवता के तत्त्व एवं चैतन्य का लाभ होता है ।
२२.४.२०२३ को ‘अक्षय तृतीया’ है । ‘अक्षय तृतीया’ हिन्दू धर्म के साढे तीन शुभमुहूर्ताें में से एक मुहूर्त है । इस दिन की कोई भी घटिका शुभमुहूर्त ही होती है । इस दिन किया जानेवाला दान और हवन का क्षय नहीं होता; जिसका अर्थ उनका फल मिलता ही है । इसलिए कई लोग इस दिन बडी मात्रा में दानधर्म करते हैं ।
प्राचीनकाल से ही हिन्दू धर्म में ऋषि-मुनियों की सहायता से जीवन की प्रत्येक क्रिया को उचित दिशा में मोडकर एक प्रकार से उसे सत्त्वगुणी रूप दिया गया है । इसी को ‘आचरण’ कहते हैं ।
पुरुषों को प्रतिदिन, तथा स्त्रियों को सप्ताह में न्यूनतम दो बार केश धोने चाहिए । केश की गुणवत्ता और आरोग्य केवल केश धोने पर ही अवलंबित नहीं होता, अपितु इसे किस पदार्थ से धोते हैं, इसपर भी अवलंबित होता है ।
ब्रिटेन का हिन्दू समाज सर्वाधिक सुशिक्षित है एवं देश के उत्कर्ष के लिए भी वहां के हिन्दुओं का योगदान उल्लेखनीय है । ऐसा होते हुए भी ब्रिटेन में हिन्दुओं पर धर्मांध मुसलमानों द्वारा आक्रमण एवं अत्याचार हो रहे हैं तथा वहां की सरकार, पुलिस तथा प्रशासन निष्क्रिय भूमिका निभा रहे हैं, जो संतापजनक है !
जो विदेशी लोग समझते हैं, वह यहां के पुरो(अधो)गामी तथा आधुनिकतावादियों के समझ में आ जाए, तबतक समय बीत चुका होगा !