भोजन-पूर्व आचारों का अध्यात्मशास्त्रीय आधार

देवता को भोग लगाने के उपरान्त उस अन्न को देवता का प्रसाद मानकर ग्रहण करने से उस अन्न से देवता के तत्त्व एवं चैतन्य का लाभ होता है ।

अक्षय तृतीया के पर्व पर ‘सत्पात्र को दान’ कर ‘अक्षय दान’ का फल प्राप्त करें !

२२.४.२०२३ को ‘अक्षय तृतीया’ है । ‘अक्षय तृतीया’ हिन्दू धर्म के साढे तीन शुभमुहूर्ताें में से एक मुहूर्त है । इस दिन की कोई भी घटिका शुभमुहूर्त ही होती है । इस दिन किया जानेवाला दान और हवन का क्षय नहीं होता; जिसका अर्थ उनका फल मिलता ही है । इसलिए कई लोग इस दिन बडी मात्रा में दानधर्म करते हैं ।

हिन्दू संस्कृति में आचारों का अत्यधिक महत्त्व है !

प्राचीनकाल से ही हिन्दू धर्म में ऋषि-मुनियों की सहायता से जीवन की प्रत्येक क्रिया को उचित दिशा में मोडकर एक प्रकार से उसे सत्त्वगुणी रूप दिया गया है । इसी को ‘आचरण’ कहते हैं ।

स्त्री और पुरुषों का केश धोना

पुरुषों को प्रतिदिन, तथा स्त्रियों को सप्ताह में न्यूनतम दो बार केश धोने चाहिए । केश की गुणवत्ता और आरोग्य केवल केश धोने पर ही अवलंबित नहीं होता, अपितु इसे किस पदार्थ से धोते हैं, इसपर भी अवलंबित होता है ।

ब्रिटेन के हिन्दू सर्वाधिक स्‍वस्थ एवं सुशिक्षित !

ब्रिटेन का हिन्दू समाज सर्वाधिक सुशिक्षित है एवं देश के उत्कर्ष के लिए भी वहां के हिन्दुओं का योगदान उल्लेखनीय है । ऐसा होते हुए भी ब्रिटेन में हिन्दुओं पर धर्मांध मुसलमानों द्वारा आक्रमण एवं अत्याचार हो रहे हैं तथा वहां की सरकार, पुलिस तथा प्रशासन निष्क्रिय भूमिका निभा रहे हैं, जो संतापजनक है !

भारतीय कुटुंबव्यवस्था विश्व में सर्वश्रेष्ठ ! – मेग जोन्स, प्रमुख, युनाईटेड नेशन्स वुमेन्स एम्पॉवरमेंट

जो विदेशी लोग समझते हैं, वह यहां के पुरो(अधो)गामी तथा आधुनिकतावादियों के समझ में आ जाए, तबतक समय बीत चुका होगा !

द्रमुक सरकार की ओर से एक मंदिर में धार्मिक परिषद के आयोजन पर प्रतिबंध !

तमिलनाडु की द्रमुक सरकार का हिन्दूद्वेष ! तमिलनाडु में द्रमुक सरकार के सत्ता में आने के दिन से हिन्दू विरोधी कार्यवाहियां बढी हैं । प्रभावी हिन्दू संगठन द्वारा ही इसे रोकना संभव है !

जन्मपत्रिका बनाने का महत्त्व समझें !

हिन्दू समाज में शिशु का जन्म होने पर ज्योतिष से शिशु की जन्मपत्रिका बनवाई जाती है । अनेक लोगों को उत्सुकता होगी कि इस पत्रिका में क्या जानकारी होती है । इस लेख द्वारा ‘जन्मपत्रिका क्या है तथा पत्रिका में कौन-सी जानकारी अंतर्भूत होती है’, इसकी जानकारी लेंगे ।

पति के जीवित रहते हुवे बिंदी न लगानेवाली महिला को कर्नाटक के बीजेपी सांसद एम. मुनीस्वामी ने लगाई फटकार !

हिन्दू धर्म के अनुसार, एक सुहागन(सौभाग्यवती) महिला से अपेक्षा की जाती है कि वह अपने माथे पर बिंदी (कुमकुम) लगाए । इससे महिला को आध्यात्मिक स्तर पर लाभ होता है । हिन्दू महिलाएं इसका पालन नहीं करती क्योंकि उनके पास धार्मिक शिक्षा नहीं है !

सनातन संस्था के आश्रमों में मिलनेवाले साधनारूपी संस्कारों के बल पर आदर्श दृष्टि से विकसित हो रहे युवा साधक एवं साधिकाएं !

‘भारतीय संस्कृति संस्कारों पर आधारित है; परंतु आज के कलियुग में नैतिक मूल्यों का पतन होने से संस्कार-मूल्य भी समाप्त हो चुके हैं । इसका परिणाम युवा पीढी पर दिखाई देता है । उसके कारण ‘उनका भविष्य संकट में है’, ऐसा कहना अनुचित नहीं है ।