जैसे-जैसे हम आधुनिक होते जा रहे हैं, हम बच्चों को फ्रेंच, इतालवी सिखाना चाहते हैं; लेकिन भगवान की भाषा संस्कृत नहीं सिखाते हैं ! 

अभिनेत्री ईशा तलवार ने व्यक्त किया दुख ! 

अभिनेत्री ईशा तलवार

मुंबई (महाराष्ट्र) – हम संस्कृत पढ़ाना और पढ़ना भूल गए हैं । हम इतने आधुनिक विचारों वाले हैं कि हम बच्चों को फ्रेंच तथा इतालवी पढ़ाना चाहते हैं; लेकिन भगवान की भाषा संस्कृत नहीं, ऐसा मनोगत अभिनेत्री ईशा तलवार ने एक दैनिक के साथ साक्षात्कार में व्यक्त किया ।

संस्कृत अन्य भाषाओं को समझने में सहायता करती है ! 

ईशा तलवार ने आगे कहा कि मुझे लगता है कि संस्कृत भाषा का ज्ञान हमें दूसरी भाषा को समझने में बहुत सहायता करता है। आप जिस भाषा में काम कर रहे हैं, अभिनय करते समय भी आपको उसी भाषा में सोचना होगा । अगर मैं किसी हिन्दी फिल्म में अभिनय कर रही हूं तथा अंग्रेजी में नहीं सोच रही हूं, तो मेरे अभिनय से मेरे चेहरे पर वही भाव आएंगे । इसलिए आपको वह भाषा सीखनी चाहिए जिसमें आप काम कर रहे हैं ।

प्रत्येक कलाकार को थोड़ी बहुत संस्कृत आनी चाहिए ! 

तलवार ने कहा, मैंने मुंबई के एक कॉन्वेंट स्कूल में पढ़ाई की; लेकिन बाद में मैंने स्वतंत्र रूप से संस्कृत सीखी । पुणे में एक शिक्षक ने मुझे संस्कृत में श्रीमद्भगवद्गीता पढ़ाई । मैं पिछले १२ वर्षों से नियमित रूप से गीता का पाठ कर रही हूं । संस्कृत देव भाषा होने के कारण इसका वैज्ञानिक महत्व भी है । गीता का पाठ करने से मन सदा शांत रहता है । मेरा अनुभव है कि प्रत्येक कलाकार को थोड़ी बहुत संस्कृत आनी चाहिए । इससे आपका उच्चारण सही हो जाता है ।

संपादकीय भूमिका 

कितनी हिन्दू अभिनेत्रियाँ सोचती हैं कि यह एक शोध का विषय हो सकता है !