इसके अंतर्गत तनाव से निपटना, नेतृत्व विकास, निर्णय लेना आदि विषय पढाए जाएंगे !
नई देहली – पूरे देश के सभी महाविद्यालयों में अब ‘जीवन कौशल्य विकास पाठ्यक्रम’ आरंभ किया जाएगा !
यह पाठ्यक्रम स्नातक की पढाई करने वाले सभी छात्रों के लिए है । प्राय: देखा गया है कि ‘सर्वसाधारण स्नातकों को बेरोजगारी का सामना करना पडता है ।’ ऐसे स्नातकों के पास अभियांत्रिकी अथवा चिकित्सा शास्त्र स्नातकों की तरह जीविका पाने के लिए आवश्यक कौशल नहीं होते हैं । उक्त पाठ्यक्रम पढाने से अब ऐसे छात्र पढाई के साथ-साथ जीविका के योग्य भी बन सकेंगे । इसके साथ ही छात्रों के सामाजिक एवं व्यक्तिगत विकास के साथ-साथ संचार कौशल, समय प्रबंधन, सही दिशा में सोचने की क्षमता, निर्णय लेने की क्षमता, वित्तीय प्रबंधन, तनाव से कैसे निपटें? आदि सूत्रों के विषय में पढाया जाएगा ।
इस पाठ्यक्रम में ‘संचार कौशल’, ‘व्यावसायिक कौशल’, ‘नेतृत्व-प्रबंधन कौशल’, ‘सार्वभौमिक मानव मूल्य’ जैसे विषय समाहित होंगे । इसमें कृत्रिम बुद्धिमत्ता जैसे अत्याधुनिक विषयों को भी सम्मिलित किया जाएगा । इस पाठ्यक्रम में जीविका के लिए साक्षात्कार का सामर्थ्य भी समाविष्ट है ।
संपादकीय भूमिकायह एक प्रशंसनीय कदम है कि केंद्र सरकार युवा पीढी की स्थिति को देखते हुए इस तरह का पाठ्यक्रम लेकर आई है । इसके साथ ही यदि युवा पीढी को साधना सिखाई जाए, तो वह स्वयं अपने जीवन की अधिकाधिक समस्याओं का समाधान करने में समर्थ होगी ! |