जिस विधि से अंतःचक्षु खुलने में सहायता होती है, वह उपनयन संस्कार है ! – श्री. गुरुराज प्रभु, हिन्दू जनजागृति समिति

समस्तीपुर (बिहार) – यहां के जिज्ञासु श्री. प्रकाश कुमार मिश्रा ने अपने बेटे व भतीजे के उपनयन संस्कार के अवसर पर उपस्थित निमंत्रितों को धर्मशिक्षा देने हेतु हिन्दू जनजागृति समिति को आमंत्रित किया । हिन्दू जनजागृति समिति के श्री. गुरुराज प्रभु ने बताया कि ‘‘जिस विधि से अंतःचक्षु खुलने में सहायता होती है, वह उपनयन संस्कार है ।

श्री. गुरुराज प्रभु

आगे उन्होंने उपनयन संस्कार व सोलह संस्कारों का उद्देश्य बताते हुए नामजप का महत्त्व बताया । उन्होंने पूजाघर की रचना, कुलदेवता व दत्त के नामजप के महत्त्व के साथ धर्माचरण अंतर्गत नमस्कार, कुमकुम-तिलक लगाने का शास्त्र, जन्मदिन तिथिनुसार मानते हुए दीप बुझाना और केक पर नाम लिखकर काटना शास्त्र के अनुसार अयोग्य होने के विषय में बताकर उपस्थितों में जागृति की । सभी ने विषय की बहुत सराहना की ।

क्षणिकाएं : विषय के पश्चात कुछ उपस्थितों ने स्वयं आकर बताया कि उन्हें बहुत नई जानकारी मिली । साथही श्री. प्रकाश कुमार मिश्रा ने उपस्थितों को सनातन के सात्त्विक उत्पाद और लघुग्रंथ भेंटस्वरूप दिए । इस समय उनका भाव था कि यह प्रत्यक्ष भगवान का प्रसाद ही है और वे ही दे रहे हैं ।