रामनाथी, २१ जून (संवाददाता) – धर्म की रक्षा करनी हो, तो पहले स्वयं धर्माचरण करना होगा । हिन्दू युवकों के माथे पर तिलक दिखाई नहीं देता । हमारे पूर्वजों ने जनेऊ, तिलक एवं शिखा की रक्षा के लिए प्राणों का बलिदान दिया; परंतु आज के हिन्दू युवक माथे पर तिलक नहीं लगाते । हिन्दू धर्म की रक्षा के लिए युवकों को प्रेरित करना पडेगा । उल्हासनगर के सिंधी भाई दोपहर के उपरांत दुकानें बंद करते हैं । दोपहर के उपरांत ईसाईयों ने इन दुकानों को किराए पर लेकर वहां अपना कार्य आरंभ किया है । यहां के कुछ घरों में ईसाईयों ने प्रार्थना करना आरंभकिया । ऐसे सिंधी लोगों के संबंधियां के घरों में हमने सत्संग आरंभ किए ।
हिन्दुओं को अपने धर्मग्रंथों का अध्ययन करना चाहिए । धर्मग्रंथों का अध्ययन करने से हिन्दुओं का धर्मांतरण नहीं होगा, ऐसा प्रतिपादन भारतीय सिंधु सभा के पश्चिम विदर्भ संपर्कप्रमुख श्री. प्रकाश सिरवानी ने किया । यहां चल रहे वैश्विक हिन्दू राष्ट्र महोत्सव के छठे दिन (२१.६.२०२३ को) उपस्थित हिन्दुत्वनिष्ठों को संबोधित करते हुए वे ऐसा बोल रहे थे ।