ChhathPooja : बंदी के विरोध में याचिका पर सुनवाई करने से देहली उच्च न्यायालय की मनाही !

 प्रदूषण के कारण यमुना नदी के किनारे छठ पूजा पर बंदी का प्रकरण

नई देहली – देहली उच्च न्यायालय ने यमुना नदी के किनारे छठ पूजा करने की अनुमति मांगनेवाली याचिका पर विचार करने से मना कर दिया है । यह याचिका छठपूजा संघर्ष समिति एवं पूर्वांचल जागृति मंच ने प्रविष्ट की थी । ९ अक्टूबर २०२१ को देहली सरकार ने अधिसूचना प्रसारित कर यमुना नदी के किनारे छठ पूजा करने पर प्रतिबंध लगाया था । इस प्रतिबंध के विरोध में इन संगठनों ने याचिका प्रविष्ट की थी । याचिका में कहा था कि इसप्रकार का प्रतिबंध लगाना, यह लोगों के मूलभूत अधिकारों का उल्लंघन है । इसकारण देहली में रहनेवाले ३० से ४० लाख श्रद्धालु प्रभावित होंगे । न्यायालय का कहना है कि ‘नदी का प्रदूषण रोकने के लिए वहां प्रतिबंध लगाया गया है ।’ (पूजा के कारण वास्तव में प्रदूषण होता है क्या ? और होता होगा, तो उसका प्रमाण अन्य प्रदूषणकारी बातों की तुलना में कितना है  ? इसका अभ्यास सरकार ने किया था क्या ? – संपादक) 

संपादकीय भूमिका 

छठ पूजा के कारण नहीं, अपितु कारखानों के रासायनिक पदार्थ एवंअन्य प्रदूषणकारी कचरा नदी में छोडे जाने से यमुना नदी की स्थिति अत्यंत बुरी हो गई है । इन वास्तविक कारणों पर उपाय निकालने के स्थान पर पूजा पर प्रतिबंध लगानेवाली देहली के आम आदमी पक्ष की सरकार जनताद्रोही और हिन्दूद्रोही है !