संपादकीय : केजरीवाल अमेरिका को इतने प्रिय क्यों ?

भारत का मित्र देश होने का नाटक कर भारतविरोधी गतिविधियां चलानेवाले अमेरिका को उसे समझ में आनेवाली भाषा में ही उत्तर देना आवश्यक !

AAP SFJ Funding : देहली में आप की सरकार बनने के लिए खालिस्तानियों ने केजरीवाल को १३३ करोड रुपए दिए !

‘सिख फॉर जस्टिस’ इस खालिस्तानी आतंकवादी संगठन के प्रमुख गुरपतवंत सिंह पन्नू का दावा !

Delhi Budget 2024 : हम राम राज्य के स्वप्न को पूर्ण करने के लिए दिन-रात परिश्रम कर रहे हैं !

इस कक्ष में उपस्थित सभी लोग भगवान श्री राम से प्रेरित हैं। हम राम राज्य के स्वप्न को पूर्ण करने के लिए गत ९ वर्षों से दिन-रात कार्यरत हैं।

Ludhiana Punjab Temple Vandalised : लुधियाना (पंजाब) में अज्ञात लोगों द्वारा शिवमंदिर की १४ मूर्तियों की तोडफोड !

भारत में चाहे किसी की भी सरकार क्यों न हो, तब भी प्रत्येक स्थान के हिन्दू एवं उनके धार्मिक स्थल असुरक्षित हैं । इसलिए हिन्दू राष्ट्र अनिवार्य है, यह बात हिन्दू ध्यान में रखें !

(और इनकी सुनिए…) ‘हिन्दुओं के मंदिरों में हत्या और लडकियों का बलात्कार होने से वहां जाना बंद करें !’ – आम आदमी पार्टी के विधायक राजेंद्र पाल गौतम

मस्जिदों, मदरसों, चर्चों में जो कुछ होता हुआ दिखता है, इस विषय में राजेंद्र पाल गौतम कभी विधान नहीं करेंगे; कारण इसका परिणाम उन्हें ज्ञात है !

अवैध बिलों पर निर्णय लें !

न्यायालय ने आगे कहा कि राज्यपाल कानून बनाने की सामान्य प्रक्रिया को बाधित करने के लिए अपनी शक्तियों का उपयोग नहीं कर सकते ।

ChhathPooja : बंदी के विरोध में याचिका पर सुनवाई करने से देहली उच्च न्यायालय की मनाही !

छठ पूजा के कारण नहीं, अपितु कारखानों के रासायनिक पदार्थ एवंअन्य प्रदूषणकारी कचरा नदी में छोडे जाने से यमुना नदी की स्थिति अत्यंत बुरी हो गई है । इन वास्तविक कारणों पर उपाय निकालने के स्थान पर पूजा पर प्रतिबंध लगानेवाली देहली के आम आदमी पक्ष की सरकार जनताद्रोही और हिन्दूद्रोही है !

देहली के ‘आप’ के विधायक अमानतुल्ला खान के घर पर प्रवर्तन निदेशालय का छापा

देहली भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (A.C.B.) द्वारा प्रविष्ट किए गए २ अपराधों की ईडी ने कार्यवाही की है । ये अपराध देहली वक्फ बोर्ड की नौकरियों की अनियमितता से संबंधित हैं ।

आप के संसद सदस्य संजय सिंह के घर पर प्रवर्तन निर्देशालय (ईडी) का छापा

यह छापा आबकारी नीति केस के संदर्भ में डाला गया है । अबकारी नीति केस के आरोपपत्र में संजय सिंह का नाम है ।

सभागार अथवा हंगामागार ?

अधिवेशन आरंभ होने के पूर्व ही ‘शासन को किन सूत्रों पर घेरना है ?’, यह वे पहले ही निश्चित कर लेते हैं तथा वे ऐसा करते भी हैं । इसलिए यह अधिवेशन ‘सरकार को दुविधा में डालने के लिए है अथवा जनता की समस्याओं का समाधान करने के लिए ?’, यह प्रश्न उठता है ।