केक काट कर श्री शनिदेव की जयंती मनाने की पाश्चात्य कुप्रथा बंद !

‘श्री शनैश्‍चर देवस्थान’ द्वारा  ‘महाराष्ट्र मंदिर महासंघ’ की विनती स्वीकार !

‘महाराष्ट्र मंदिर महासंघ’ का प्रतिनिधि मंडल

शनि शिंगनापुर – श्रीक्षेत्र शनि शिंगनापुर के ‘श्री शनैश्‍चर’ जागृत देवस्थान पर पिछले ३-४ वर्ष से कुछ श्रद्धालु पाश्‍चात्त्य पद्धति से केक काट कर श्री शनिदेवता की जयंती मनाते थे । वैशाख अमावस्या अर्थात १९ मई को श्री शनैश्‍चर जयंती के अवसर पर इस अशास्त्रीय प्रकरण की पुनरावृत्ति न होने हेतु ‘महाराष्ट्र मंदिर महासंघ’ के प्रतिनिधि मंडल ने श्री शनैश्‍चर देवस्थान के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री. नितीन शेटे से भेंट कर यह प्रकरण रोकने का आवाहन किया । इसे सकारात्मक प्रतिसाद देते हुए उन्होंने यह पाश्‍चात्त्य कुप्रथा बंद कर दी । इस समय महासंघ के आवाहन के उपरांत देवस्थान ने तत्परता से कृति करने के संदर्भ में महाराष्ट्र मंदिर महासंघ के समन्वयक श्री. सुनील घनवट ने श्री शनैश्‍चर देवस्थान के प्रति कृतज्ञता व्यक्त कर भविष्य में देवस्थान की पवित्रता को किसी भी प्रकार की बाधा निर्माण न होने की दृष्टि से ध्यान देने का आवाहन किया ।

‘देवता के जन्मदिवस पर केक काटना, धर्मशास्त्र के अनुसार नहीं है । श्री शनैश्‍चर देवस्थान की घटना में भी ऐसी प्रथा का उल्लेख नहीं है । देवस्थान के अहाते (मैदान) में जयंती के उपलक्ष्य में केक काटनेवाले भविष्य में पाश्‍चात्यों के समान नाचगाने के कार्यक्रम भी आयोजित करेंगे । देवस्थान मौज करने हेतु नहीं, अपितु धर्मशास्त्र के अनुसार देवी-देवता की उपासना कर आध्यात्मिक लाभ प्राप्त करने हेतु है । मंदिर धर्म की आधारशिलाएं हैं । इसलिए उनकी पवित्रता अबाधित रखना प्रत्येक हिन्दू भक्त का धर्मकर्तव्य है । अत: ‘महाराष्ट्र मंदिर महासंघ’ की ओर से विनती की गई कि राज्य के सभी मंदिरों एवं न्यासियों को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि मंदिर परिसर में इस प्रकार की निंदनीय घटनाएं न हों ।