न्यायालय का निर्णय न माननेवालों को कर्नाटक राज्य के हिन्दुओं ने अच्छा पाठ पढाया है ! – अधिवक्ता अमृतेश एन्.पी., राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, हिन्दू विधिज्ञ परिषद

‘‘कर्नाटक राज्य से आरंभ हुआ ‘हिजाबविरोधी आंदोलन’ कुछ दिन उपरांत राष्ट्रीय विषय बना । इसमें कुछ मुसलमान छात्राओं ने ‘हम हिजाब पहनेंगे ही’, इस मांग को लेकर कर्नाटक उच्च न्यायालय में याचिका प्रविष्ट की । इस याचिका के पक्ष में लडने के लिए अनेक अधिवक्ता खडे रहे, तो सरकार के पक्ष में और विरोध में लडने के लिए अत्यंत अल्प संख्या में अधिवक्ता थे ।

कानून में स्थित त्रुटियों के कारण न्यायालयीन निर्णयों से सच्चाई नहीं बाहर आती ! – अधिवक्ता मकरंद आडकर, अध्यक्ष, महाराष्ट्र शैक्षणिक एवं सांस्कृतिक संस्था, नई देहली

‘दार-उल-इस्लाम’ धर्मांधों की संकल्पना है इसलिए उन्हें भारतभूमि को ‘गजवा-ए- हिंद’ बनाना है । अत: धर्मांधों द्वारा ‘लैंड जिहाद’ का षड्यंत्र रचा जा रहा है । यह रोकने के लिए ‘सब भूमी गोपाल की’ अर्थात ‘सब भूमि हमारी है’, यह तत्त्व मन में बिंबित करना होगा ।

हिन्दू धर्म के विरोध में लिखनेवाले प्रसिद्धि माध्यमों को न्यायालय में उत्तर देना होगा ! – अधिवक्ता नागेश जोशी, सचिव, हिन्दू विधिज्ञ परिषद, गोवा

‘प्रसिद्धि और पैसे मिलेंगे, इसलिए हिन्दू धर्म और धर्माभिमानियों की निंदा करो’ ऐसे षड्यंत्र आजकल बडी संख्या में बढ गए हैं । ‘माध्यमों के द्वारा होनेवाली अपकीर्ति को अनदेखा करना’, ऐसी भूमिका कुछ संगठनों की है । इसलिए ऐसे प्रसारमाध्यम अधिक फलते हैं; परंतु सनातन संस्था ने प्रारंभ से ही ऐसे माध्यमों के विरोध में कानूनी लडाई लडने की भूमिका निभाई है ।

 इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा १२१ न्यायाधीशों का स्थानांतरण !

इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने वरिष्ठ विभाग के १२१ दीवानी न्यायाधीशों का स्थानांतरण किया है । इनमें वाराणसी के ज्ञानवापी का सर्वेक्षण और वजूखाना बंद करने का आदेश देनेवाले न्यायाधीश रवि कुमार दिवाकर भी सम्मिलित हैं ।

यदि बंगाल पुलिस कानून-व्यवस्था बनाए नहीं रख सकती है, तो केंद्रीय सुरक्षा बलों को बुलाएं !

‘यदि राज्य में कानून व्यवस्था, राज्य पुलिस द्वारा बनाए नहीं रखी जा सकती है, तो केंद्रीय सुरक्षा बलों को बुलाया जाना चाहिए’, कोलकाता उच्च न्यायालय ने बंगाल में तृणमूल कांग्रेस सरकार को फटकार लगाते हुए कहा ।

स्वामी अविमुक्तेश्वरानंदजी को ज्ञानवापी में पूजा करने हेतु जाने से रोकने पर उनका अनशन !

जब तक ज्ञानवापी में प्रकट हुए आदि विश्वेश्वर शिवलिंग की पूजा नहीं करूंगा, तब तक मैं अन्न-जल नहीं लूंगा । पुलिस ने बताया कि ज्ञानवापी का प्रकरण न्यायालय में प्रलंबित है, इस कारण स्वामी अविमुक्तेश्वरानंदजी को ज्ञानवापी के परिसर में प्रार्थना करने की अनुमति नहीं दी गई है ।

ज्ञानवापी मस्जिद का प्रकरण : गुप्तचर विभाग का केंद्र सरकार को ब्योरा !

‘ज्ञानवापी में पूजा एवं अन्य उत्सव मनाने का आदेश प्राप्त हो’, ऐसी याचिका हिन्दुओं की ओर से की गई है । उस पर उन्होंने धमकियां देना प्रारंभ कर दिया कि ‘हम दूसरी बाबरी नहीं होने देंगे ।’ इस पृष्ठभूमि पर गुप्तचर संस्था ने केंद्र सरकार को ब्योरा दिया है कि इस विषय पर देश में बडा उपद्रव किया जाएगा ।

मुखपट्टी (मास्क) का प्रयोग न करने पर हवाई यात्रा पर प्रतिबंध ! – देहली उच्च न्यायालय

कोरोना का संकट अभी समाप्त नहीं हुआ है । देहली उच्च न्यायालय ने नियमों का पालन न करनेवालों के विरुद्ध अपराध प्रविष्ट कर उनसे दंड वसूल करने का आदेश दिया है । ऐसे लोगों को हवाई यात्रा प्रतिबंधित सूची में (‘नो फ्लाय’ सूची में) पंजीकृत करें ।

श्रीकृष्ण जन्मभूमि के ऊपर बनी शाही मस्जिद पर लगे भौंपू बंद करो ! – दीवानी न्यायालय में याचिका

यह मस्जिद केशवदेव मंदिर का गर्भगृह है और यहां सुबह साढे चार बजे भौंपू से दी जानेवाली अजान पर बंदी डाली जाए, तथा इस भाग का सर्वेक्षण किया जाए ।

मंगलुरू विश्वविद्यालय में हिजाब पहनकर आने की मुसलमान छात्राओं की कानून विरोधी मांग

कर्नाटक उच्च न्यायालय ने हिजाब पहनने की अनुमति न देने पर भी इस प्रकार की मांग कर न्यायालय के आदेश का अपमान किया जा रहा है, इस पर ध्यान दें !