शिवजी की उपासना का महत्त्व !

एक निर्दयी एवं महापापी व्याध (बहेलिया), एक दिन आखेट (शिकार) करने निकला । मार्ग में उसे शिवमंदिर दिखाई दिया । उस दिन महाशिवरात्रि थी । इस कारण, शिवमंदिर में भक्तजन पूजन, भजन, कीर्तन करते दिखाई दे रहे थे ।

तेजस्वी रूप में प्रकट हुए ज्योतिर्लिंग !

भगवान शिव के १२ ज्योतिर्लिंग विख्यात हैं । सहस्रों लोग ज्योतिर्लिंग के दर्शन करने के लिए इकट्ठा होते हैं । ‘ज्योतिर्लिंग’’ शब्द का अर्थ है ‘व्यापक ब्रह्मात्मलिंग’ अर्थात ही ‘व्यापक प्रकाश’ !

शिवमंदिर की विशेषताएं

शिवजी विवाहित दंपतियों के देवता, ‘शक्त्यासहितः शंभुः’ हैं । यदि शक्ति न हो, तो शिव का शव होता है । अन्य देवता चूंकि अकेले होते हैं, इसलिए उनकी मूर्तियों में अल्प ऊर्जा उत्पन्न होती है जिससे उनके देवालयों में ठंडक प्रतीत होती है ।

स्वामी अविमुक्तेश्वरानंदजी को ज्ञानवापी में पूजा करने हेतु जाने से रोकने पर उनका अनशन !

जब तक ज्ञानवापी में प्रकट हुए आदि विश्वेश्वर शिवलिंग की पूजा नहीं करूंगा, तब तक मैं अन्न-जल नहीं लूंगा । पुलिस ने बताया कि ज्ञानवापी का प्रकरण न्यायालय में प्रलंबित है, इस कारण स्वामी अविमुक्तेश्वरानंदजी को ज्ञानवापी के परिसर में प्रार्थना करने की अनुमति नहीं दी गई है ।

ज्ञानवापी मस्जिद का प्रकरण : गुप्तचर विभाग का केंद्र सरकार को ब्योरा !

‘ज्ञानवापी में पूजा एवं अन्य उत्सव मनाने का आदेश प्राप्त हो’, ऐसी याचिका हिन्दुओं की ओर से की गई है । उस पर उन्होंने धमकियां देना प्रारंभ कर दिया कि ‘हम दूसरी बाबरी नहीं होने देंगे ।’ इस पृष्ठभूमि पर गुप्तचर संस्था ने केंद्र सरकार को ब्योरा दिया है कि इस विषय पर देश में बडा उपद्रव किया जाएगा ।

जशपुर (छत्तीसगढ) के प्राचीन शिव मंदिर से शिवलिंग की चोरी

 ज्ञानवापी मस्जिद में जो शिवलिंग है, मुसलमानों द्वारा उसका विरोध होने की पृष्ठभूमि पर ऐसी घटना घटती है, इसका क्या अर्थ है?