रोगी के प्राणों क लिए संकटकारी डॉक्टरों की लापरवाही !
रोगी के प्राण बचे अथवा चले गए, तब भी रोगी के परिजनों को लाखों रुपए का बिल भरना पडता है। अनेक कष्ट सहन कर बहुत अल्प रोगी ग्राहक मंच, न्यायालय अथवा पुलिस थाने जाते हैं; परंतु वहां का उनका अनुभव भी पहले अनुभव से अलग नहीं होता।