मुसलमानों के प्रवेश पर रोक लगाकर शिवलिंग की पूजा की अनुमति दे !

विश्व वैदिक सनातन संघ के प्रमुख जितेंद्र सिंह बिसेन की पत्नी किरण सिंह ने २५ मई को यहां दीवानी न्यायालय में एक नया मामला दायर किया है ।

तृणमूल कांग्रेस ने दी थी बांग्लादेशी महिला को विधानसभा की उम्मीदवारी !

तृणमूल कांग्रेस का अन्य देशों के नागरिकों को उम्मीदवारी देना देशद्रोह ही है ! ऐसे दलों पर कार्यवाही होनी चाहिए !

पूर्व न्यायालय आयुक्त अजय कुमार मिश्रा ने न्यायालय को सौंपी सर्वे रिपोर्ट !

ज्ञानवापी क्षेत्र में मिले देवताओं की खंडित मूर्तियों के अवशेष !

रास्तों के बीचोंबीच मजारें बनाई जाएंगी, तो सभ्य समाज वहां कैसे रहेगा ?

न्यायालय को सरकार के कान ऐंठने के साथ ऐसे निर्माण कार्य को सहमति देनेवालों पर भी कार्यवाही करनी चाहिए, ऐसी जनता की अपेक्षा है !

ज्ञानवापी प्रकरण में सर्वाेच्च न्यायालय के अभियोग में पक्षकार बनाने की हिन्दू सेना की मांग !

हिन्दू सेना नामक संगठन द्वारा मांग की गई है कि ‘इस अभियोग में हमें भी पक्षकार बनाएं’ ।

ज्ञानवापी के दूसरे दिन का सर्वेक्षण पूर्ण !

वाराणसी (उत्तर प्रदेश) – यहां ज्ञानवापी मस्जिद के दूसरे दिन का सर्वेक्षण कार्य पूरा हो गया है । बताया जाता है कि दो दिनों में ८० प्रतिशत सर्वेक्षण और चित्रीकरण (वीडियोग्राफी) पूरा हो चुका है । १६ मई को एक से डेढ घंटे और सर्वेक्षण होगा । पूरे सर्वेक्षण और चित्रीकरण का विवरण १७ मई को न्यायालय को सौंपा जाएगा ।

ज्ञानवापी मस्जिद के पहले दिन में ४० प्रतिशत सर्वेक्षण पूर्ण !

ज्ञानवापी मस्जिद का सर्वेक्षण १४ मई को सुबह ८ बजे से दोपहर १२ बजे तक किया गया ।

न्यायालय ने मथुरा के शाही ईदगाह मस्जिद के सर्वेक्षण से संबंधित मांग की याचिका स्वीकार कर ली है !

वाराणसी, यहां के न्यायालय में ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वेक्षण के उपरांत मथुरा की श्रीकृष्ण जन्मभूमि पर शाही ईदगाह मस्जिद का भी सर्वेक्षण एवं चित्रीकरण की मांग से संबंधित याचिका प्रविष्ट की गई थी, जिसे न्यायालय ने स्वीकार कर ली है ।

ज्ञानवापी मस्जिद से हिन्दुओं के धार्मिक चिह्न नष्ट किए जा रहे हैं !

पू. (अधिवक्ता) जैन का यह आरोप अत्यंत गम्भीर है ! ऐसा है तो सरकार को हस्तक्षेप करके सत्य उजागर करना आवश्यक है !

स्वयं के अपराधों की जानकारी छुपाने से एकाध व्यक्ति को नौकरी से निलंबित नहीं किया जा सकता ! – सर्वोच्च न्यायालय

स्वयं के अपराधों की जानकरी छुपाई अथवा गलत जानकरी दी, तो एकाध व्यक्ति को एकाएक नोकरी से निलंबित नहीं किया जा सकता, ऐसा निर्णय सर्वोच्च न्यायालय के खंडपिठ ने दिया ।