मंगलुरू विश्वविद्यालय में हिजाब पहनकर आने की मुसलमान छात्राओं की कानून विरोधी मांग

(हिजाब अर्थात सिर और गरदन ढकने का वस्त्र)

मंगलुरू (कर्नाटक) – यहां के मंगलुरू विश्वविद्यालय की छात्राओं ने हिजाब पहन कर कक्षा में आने की मांग की है । उनका कहना है कि, ‘हिजाब हमारे गणवेश का ही एक भाग है ।’ इसका हिन्दू ने विरोध किया है ।

१.कर्नाटक उच्च न्यायालय ने पहले ही हिजाब पहनना, यह इस्लाम की धार्मिक प्रथा नहीं है ऐसा कहते हुए यह अनुमति नकार दी थी । फिर भी मुसलमान छात्राएं इस निर्णय को नहीं मान रही हैं, इस घटना से समझ में आ रहा है ।इसका विरोध करने के लिए अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने विश्वविद्यालय के बाहर प्रदर्शन किए । ’४४ छात्राएं हिजाब पहनकर कक्षा में आ रही हैं’, ऐसा दावा इस संगठन ने किया है । साथ ही ‘यदि मुसलमान छात्राएं न्यायालय के आदेश का पालन नहीं करतीं, तो हम भी भगवा दुपट्टा पहनकर आएंगे, ऐसा इस संघठन ने कहा है ।

२. विश्वविद्यालय ने २६ मई के दिन एक आदेश जारी कर कहा कि, विश्वविद्यालय परिसर में किसी को भी धार्मिक वेशभूषा परिधान कर आने की अनुमति नहीं दी गई है । मुसलमान छात्राओं ने यह स्वीकार किया है कि, उन्हें हिजाब पहनने की अनुमति नहीं दी गई है । उन्होंने इस मामले में उपकुलपति और जिलाधिकारी से चर्चा की है, ऐसा कहा है ।

सम्पादकीय भूमिका

कर्नाटक उच्च न्यायालय ने हिजाब पहनने की अनुमति न देने पर भी इस प्रकार की मांग कर न्यायालय के आदेश का अपमान किया जा रहा है, इस पर ध्यान दें !