SC On Free Ration : जनता को नि:शुल्क वस्तुएं कबतक देते रहेंगे ?
कोरोना महामारी के बाद नि:शुल्क राशन पानेवाले श्रमिकों को आजीविका के अवसर उपलब्ध कराने की आवश्यकता है । यह बात उच्चतम न्यायालय ने केंद्र सरकार को सुनाई ।
कोरोना महामारी के बाद नि:शुल्क राशन पानेवाले श्रमिकों को आजीविका के अवसर उपलब्ध कराने की आवश्यकता है । यह बात उच्चतम न्यायालय ने केंद्र सरकार को सुनाई ।
हिन्दू राष्ट्र की स्थापना हेतु हिन्दुओं को संगठित करनेवाली हिन्दू जनजागृति समिति का कोरोना महामारी की आपदा के उपरांत बढते दैवीय कार्याें का लेख यहां दिया है ।
‘तमिलनाडु हिन्दू धर्मादाय विभाग’ ने उच्च न्यायालय को दी जानकारी !
‘कोव्हिशिल्ड’ टीके के कारण ‘थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम’ के लक्षण पाए जा सकते है, जिससे कि रक्त में थक्के निर्माण होकर हृदयाघात होना, ब्रेन स्ट्रोक (पक्षाघात) होना, प्लेटलेट्स (रक्त का एक प्रकार का घटक) अल्प होना इत्यादि घटनाएं हो सकती है; परंतु यह सब होने की संभावना सुदूर होती है
संयुक्त राष्ट्र के स्वास्थ्य संगठन का दावा
आध्यात्मिक साधना के अभाव में अधिकतर लोगों को जीवन में आनेवाले तनावों का सामना करते समय मनोबल एवं आत्मबल अल्प पडता है । तनाव, निराशा, नकारात्मकता, चिडचिडाहट; ऐसी अनेक लोगों की स्थिति होती है ।
इस कालावधि में विश्वभर में कोरोना के कुल ८ लाख ५० सहस्र नए रोगी मिले तथा ३ सहस्र लोगों की कोरोना महामारी के कारण मृत्यु हो गयी है ।
केरल को छोड़कर सभी राज्यों में स्थिति सामान्य; लेकिन सतर्क रहना आवश्यक है ! – डॉ. अजित जैन
कोरोना महामारी के समय जो लोग कोरोना से गंभीर रूप से प्रभावित हुए थे, उन्हें उसके उपरांत बहुत सारी समस्याओं का सामना करना पडा । अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्था अर्थात ‘एम्स’ के शोध में इसके संदर्भ में बडा दावा किया गया है ।
भारतीय चिकित्सकीय शोध परिषद का अध्ययन