SC On Free Ration : जनता को नि:शुल्क वस्तुएं कबतक देते रहेंगे ?

कोरोना महामारी के बाद नि:शुल्क राशन पानेवाले श्रमिकों को आजीविका के अवसर उपलब्ध कराने की आवश्यकता है । यह बात उच्चतम न्यायालय ने केंद्र सरकार को सुनाई ।

हिन्दू राष्ट्र-स्थापना हेतु हिन्दुओं को सक्रिय करनेवाली ‘हिन्दू जनजागृति समिति’ का बढता कार्य !

हिन्दू राष्ट्र की स्थापना हेतु हिन्दुओं को संगठित करनेवाली हिन्दू जनजागृति समिति का कोरोना महामारी की आपदा के उपरांत बढते दैवीय कार्याें का लेख यहां दिया है ।

Serum Institute : भारत में ‘सीरम इन्स्टिट्यूट’ के विरुद्ध भी याचिका प्रविष्ट होगी !

‘तमिलनाडु हिन्दू धर्मादाय विभाग’ ने उच्च न्यायालय को दी जानकारी !

Covishield Vaccine Side Effect : ‘कोव्हिशिल्ड’ के टीके कारण हृदयाघात (हार्ट अटैक) हो सकता है !

 ‘कोव्हिशिल्ड’ टीके के कारण ‘थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम’ के लक्षण पाए जा सकते है, जिससे कि रक्त में थक्के निर्माण होकर हृदयाघात होना, ब्रेन स्ट्रोक (पक्षाघात) होना, प्लेटलेट्स (रक्त का एक प्रकार का घटक) अल्प होना इत्यादि घटनाएं हो सकती है; परंतु यह सब होने की संभावना सुदूर होती है

Antibiotics COVID19 : कोविड-१९ के समय प्रतिजैविकों का अनावश्यक प्रयोग किया गया ! – संयुक्त राष्ट्र

संयुक्त राष्ट्र के स्वास्थ्य संगठन का दावा

कोरोना महामारी के संघर्षमय काल में जिज्ञासुओं के लिए संजीवनी प्रमाणित हुआ सनातन संस्था का ‘ऑनलाइन साधना सत्संग’ !

आध्यात्मिक साधना के अभाव में अधिकतर लोगों को जीवन में आनेवाले तनावों का सामना करते समय मनोबल एवं आत्मबल अल्प पडता है । तनाव, निराशा, नकारात्मकता, चिडचिडाहट; ऐसी अनेक लोगों की स्थिति होती है ।

Corona WHO : विश्वभर में एक महीने में कोरोना महामारी में ५२% की बढत ! – विश्व स्वास्थ्य संगठन

इस कालावधि में विश्वभर में कोरोना के कुल ८ लाख ५० सहस्र नए रोगी मिले तथा ३ सहस्र लोगों की कोरोना महामारी के कारण मृत्यु हो गयी है ।

Covid Wave : पुन: एक बार कोरोना की लहर आने की आशंका !

केरल को छोड़कर सभी राज्‍यों में स्‍थिति सामान्‍य; लेकिन सतर्क रहना आवश्‍यक है ! – डॉ. अजित जैन

Corona Heart disease : जिन्‍हें कोरोना हुआ, उन लोगों में हृदयविकार तथा रक्‍तदाब का कष्‍ट बढ गया है !

कोरोना महामारी के समय जो लोग कोरोना से गंभीर रूप से प्रभावित हुए थे, उन्‍हें उसके उपरांत बहुत सारी समस्‍याओं का सामना करना पडा । अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्‍था अर्थात ‘एम्‍स’ के शोध में इसके संदर्भ में बडा दावा किया गया है ।