महाकुम्भ में हिन्दू राष्ट्र का उद्घोष !
पुरी पीठ के शंकराचार्य स्वामी श्री निश्चलानंद सरस्वतीजी की ओर से पूरे कुंभ मेले में विभिन्न स्थानों पर ‘हम भारत भव्य बनायेंगे, हम हिन्दू राष्ट्र बनायेंगे’ के बैनर लगाए गए थे ।
पुरी पीठ के शंकराचार्य स्वामी श्री निश्चलानंद सरस्वतीजी की ओर से पूरे कुंभ मेले में विभिन्न स्थानों पर ‘हम भारत भव्य बनायेंगे, हम हिन्दू राष्ट्र बनायेंगे’ के बैनर लगाए गए थे ।
श्री निंबार्क पीठाधीश्वर जगद्गुरु श्री श्रीजी महाराज ने यहां गर्जना करते हुए कहा ‘सनातन संस्कृति की रक्षा हेतु ‘सनातन बोर्ड’ की आवश्यकता है । आगामी काल में यह बोर्ड निश्चित ही स्थापन होगा । तथा जब तक इस बोर्ड की स्थापना नहीं होती, तब तक हम शांत नहीं बैठेंगे ।
भारत हिन्दू राष्ट्र बनने से कुछ भी हानि नहीं होगी । भारत को संवैधानिकरूप से हिन्दू राष्ट्र घोषित करने हेतु आवश्यक नियमावली बनाना आवश्यक है । हिन्दुओं के लिए भारत छोडकर अन्य कोई देश नहीं है ।
‘स्वातंत्र्यवीर वीर सावरकर राष्ट्रीय स्मारक’ तथा ‘हिन्दू जनजागृति समिति’ के सहयोग से मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे द्वारा मुंबई में सम्मानित किया जाएगा ।
पहले संपूर्ण विश्व में हिन्दू संस्कृति थी, अब वहां अन्य धर्मी राज कर रहे हैं । कुछ वर्ष पूर्व हिन्दुओं ने कश्मीर से पलायन किया । आज के समय में देश में ६०० स्थानों पर छोटे पाकिस्तान बन गए हैं ।
राजनीतिक दल एवं संतों में यही भेद है ! अधिकांश राजनीतिक दल जनता को पैसे, सुविधाएं आदि का लालच दिखाते हैं, जबकि हिन्दुओं के साधु-संत जनता को शाश्वत आनंद की अनुभूति की ओर अग्रसर होने के लिए साधना बताते हैं, यह समझें !
कट्टरपंथी मुसलमान नेता बिहार में द्वेष फैलानेवाले वक्तव्य देते हैं, दंगे करते हैं, उन पर जनता दल (संयुक्त) एवं राजद की सरकार कार्रवाई करती नहीं; परंतु प्रेम एवं भक्ति बढानेवाले हिन्दू संतों पर ऐसी कार्रवाई करने की धमकी देती है, यह ध्यान में लें !
२७ अप्रैल को एकनाथ शिंदे ने श्रीक्षेत्र तुंगारेश्वर के आश्रम में जा कर बालयोगी पू. सदानंद महाराज के दर्शन लिए ।
हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय मार्गदर्शक सद्गुरु डॉ. चारुदत्त पिंगळेजी ने अपने उद्बोधन में कहा कि ‘‘आज हम हिन्दू राष्ट्र एवं हिन्दू जगत का विचार करने के लिए एकत्रित हुए हैं । वैश्विक परिस्थिति, व्यवस्था, समस्याएं एवं उनके समाधान की चर्चा करते समय हमें धार्मिक एवं आध्यात्मिक स्तर पर चिंतन करना आवश्यक है ।
वास्तव में सरकार को हिन्दुओं की धार्मिक भावनाएं आहत करनेवाले फिल्मों पर स्वयं ही प्रतिबंध लगा देना चाहिए । उसके लिए सीधे शंकराचार्याें को प्रधानता लेने की स्थिति न आए । अब तो सरकार इस बोर्ड को आधिकारिक श्रेणी प्रदान कर धर्महानि रोकने के शंकराचार्याें के कार्य में सहायता करे, यही हिन्दुओं की भावना है !