(इनकी सुनिए….) ‘समान नागरिकता कानून’ मुसलमानों की स्वतंत्रता छीन लेता है !’

ध्यान दें ! समान नागरिकता कानून लागू होने से मुसलमान ४ विवाह नहीं कर सकेंगे, अल्पसंख्यक के नाते दी जानेवाली अन्य सुविधाएं रद्द हो जाएंगी, इसलिए मदनी पैर पटक रहे हैं !

आंदोलन के उपरांत देहली के विद्यालय में हिन्दू छात्रों की कलाई से लाल धागे काटनेवाले अध्यापकों का निलंबन !

ऐसा कुकृत्य करनेवालों को अब कडा दंड देने का कानून बनाना चाहिए, तभी ऐसी घटनाओं पर नियंत्रण (रोक) होगा !

झारखंड के विधानसभा भवन में नमाजपठन हेतु स्वतंत्र व्यवस्था के विरुद्ध न्यायालय में याचिका !

हिन्दुओं को नामजप, ध्यान आदि धार्मिक कृतियां करने हेतु कोई भी राजनीतिक पार्टी सरकारी वास्तुओं में कभी भी स्वतंत्र स्थान देने का विचार क्यों नहीं करती ?

कश्मीर के संदर्भ में संयुक्त राष्ट्र के अधिकारी के आरोप झूठे ! – भारत की स्पष्टोक्ति

कश्मीर में होनेवाली जी-२० बैठक के संदर्भ में संयुक्त राष्ट्र के एक अधिकारी द्वारा लगाए आरोप भारत ने अस्वीकार कर दिए हैं । संयुक्त राष्ट्र के अल्पसंख्यक व्यवहार प्रतिनिधि फर्नांड डी वर्नेस ने जम्मू-कश्मीर तथा वहां के अल्पसंख्यकों के प्रश्‍नों पर एक निवेदन प्रसारित किया था ।

पंडित धीरेंद्रकृष्ण शास्त्रीजी के भीत पत्रकों पर काली स्याही से लिखा ‘चोर ४२०’ !

विगत ५ दिनों से बागेश्‍वर धाम के पंडित धीरेंद्रकृष्ण शास्त्रीजी की हनुमानजी की कथा हो रही है । उस संदर्भ में अनेक स्थानों पर भीत पत्रक लगाए गए हैं । इससे पूर्व कुछ स्थानों पर उनके भीत-पत्रक फाड दिए गए थे ।

‘द केरल स्टोरी’ चलचित्र (फिल्म) के विरोध के पीछे षडयंत्र ! – निर्माता विपुल शहा

हिन्दुओं को ऐसा लगता है कि इस चलचित्र का विरोध करनेवाले जिहादी आतंकवादियों के समर्थक हैं, इसलिए केंद्र सरकार इसका अन्वेषण कर, उनपर कार्यवाही करने का प्रयास करे !

केरल के ईसाई एवं इस्लामी विद्यालयों द्वारा ‘डार्विन थ्योरी’ पाठ्यक्रम का विरोध !

इससे सिद्ध होता है कि साम्यवादी सरकार को हिन्दुओं के मतों का कोईमूल्य नहीं । अब हिन्दुओं को संगठित होकर कम्युनिस्टों पर दबाव डालना चाहिए कि मुगलों का इतिहास दोबारा न पढाया जाए !

देहली में संपन्न हुआ कुत्तों के आक्रमणों पर समाधान ढूंढने का चर्चासत्र !

ऐसे चर्चा सत्र आयोजित ही क्यों करने पडते हैं ? क्या सरकार को जनता की समस्या समझ में नहीं आती ?

जब चलचित्र पूर्ण देश में प्रदर्षित हुआ है तो बंगाल में क्यों नहीं? – सर्वोच्च न्यायालय से फटकार

हिन्दुओं को बंगाल में सत्तारूढ तृणमूल कांग्रेस और तमिलनाडु में सत्तारूढ द्रविड मुनेत्र कड़गम (द्रविड प्रगति संघ) को एक राजनीतिक सबक सिखाने की नितांत आवश्यकता है, क्यों की वे केवल हिन्दू देश में हिन्दुओं के उपर होनेवाले अत्याचारों को उजागर करने वाले चित्रपट पर प्रतिबंध लगाते हैं !

चीन की ओर से कैलाश मानसरोवर यात्रा का शुल्क दुगुना !

यह चीन का हिन्दूद्वेष है, अतः सरकार को तत्काल इसका निषेध कर बढे हुए शुल्क को निरस्त करने के लिए चीन पर दबाव डालना चाहिए !