(इनकी सुनिए….) ‘समान नागरिकता कानून’ मुसलमानों की स्वतंत्रता छीन लेता है !’
ध्यान दें ! समान नागरिकता कानून लागू होने से मुसलमान ४ विवाह नहीं कर सकेंगे, अल्पसंख्यक के नाते दी जानेवाली अन्य सुविधाएं रद्द हो जाएंगी, इसलिए मदनी पैर पटक रहे हैं !
ध्यान दें ! समान नागरिकता कानून लागू होने से मुसलमान ४ विवाह नहीं कर सकेंगे, अल्पसंख्यक के नाते दी जानेवाली अन्य सुविधाएं रद्द हो जाएंगी, इसलिए मदनी पैर पटक रहे हैं !
ऐसा कुकृत्य करनेवालों को अब कडा दंड देने का कानून बनाना चाहिए, तभी ऐसी घटनाओं पर नियंत्रण (रोक) होगा !
हिन्दुओं को नामजप, ध्यान आदि धार्मिक कृतियां करने हेतु कोई भी राजनीतिक पार्टी सरकारी वास्तुओं में कभी भी स्वतंत्र स्थान देने का विचार क्यों नहीं करती ?
कश्मीर में होनेवाली जी-२० बैठक के संदर्भ में संयुक्त राष्ट्र के एक अधिकारी द्वारा लगाए आरोप भारत ने अस्वीकार कर दिए हैं । संयुक्त राष्ट्र के अल्पसंख्यक व्यवहार प्रतिनिधि फर्नांड डी वर्नेस ने जम्मू-कश्मीर तथा वहां के अल्पसंख्यकों के प्रश्नों पर एक निवेदन प्रसारित किया था ।
विगत ५ दिनों से बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्रकृष्ण शास्त्रीजी की हनुमानजी की कथा हो रही है । उस संदर्भ में अनेक स्थानों पर भीत पत्रक लगाए गए हैं । इससे पूर्व कुछ स्थानों पर उनके भीत-पत्रक फाड दिए गए थे ।
हिन्दुओं को ऐसा लगता है कि इस चलचित्र का विरोध करनेवाले जिहादी आतंकवादियों के समर्थक हैं, इसलिए केंद्र सरकार इसका अन्वेषण कर, उनपर कार्यवाही करने का प्रयास करे !
इससे सिद्ध होता है कि साम्यवादी सरकार को हिन्दुओं के मतों का कोईमूल्य नहीं । अब हिन्दुओं को संगठित होकर कम्युनिस्टों पर दबाव डालना चाहिए कि मुगलों का इतिहास दोबारा न पढाया जाए !
ऐसे चर्चा सत्र आयोजित ही क्यों करने पडते हैं ? क्या सरकार को जनता की समस्या समझ में नहीं आती ?
हिन्दुओं को बंगाल में सत्तारूढ तृणमूल कांग्रेस और तमिलनाडु में सत्तारूढ द्रविड मुनेत्र कड़गम (द्रविड प्रगति संघ) को एक राजनीतिक सबक सिखाने की नितांत आवश्यकता है, क्यों की वे केवल हिन्दू देश में हिन्दुओं के उपर होनेवाले अत्याचारों को उजागर करने वाले चित्रपट पर प्रतिबंध लगाते हैं !
यह चीन का हिन्दूद्वेष है, अतः सरकार को तत्काल इसका निषेध कर बढे हुए शुल्क को निरस्त करने के लिए चीन पर दबाव डालना चाहिए !