भारत और चीन को अमेरिकी आयात शुल्क के विरुद्ध एकजुट होना चाहिए!
अमेरिका द्वारा चीन को सबक सिखाने के बाद चीन को भारत की याद आ रही है, अन्यथा चीन भारत को जितना हो सके उतना परेशान करने का प्रयास कर रहा है।
अमेरिका द्वारा चीन को सबक सिखाने के बाद चीन को भारत की याद आ रही है, अन्यथा चीन भारत को जितना हो सके उतना परेशान करने का प्रयास कर रहा है।
बांग्लादेश भारत के लिए दूसरा पाकिस्तान बन गया है। पाकिस्तान को पिछले ७८ वर्षों में भारत ने सीधा नहीं किया, वही निष्क्रियता भारत बांग्लादेश के संदर्भ में दिखा रहा है, इसलिए ही यूनुस इस तरह की धमकी देने का साहस कर रहे हैं, यह भारत के लिए खतरे की घंटी है।
चीन कुछ भी कहे, वह विश्वासघाती देश होने के कारण उसकी बातों पर विश्वास नहीं किया जा सकता !
भारत को अब प्रत्येक क्षेत्र में और रक्षा क्षेत्र में भी पहले से अधिक तैयार और सतर्क रहना पड़ेगा !
वर्ष १९६७ में तथा वर्ष २०२२ के गलवान संघर्ष में भारत की सेना ने चीनी सैनिकों को सबक सिखाया था, यह सत्य है । अतः ऐसी सेना को पराजित करना कठिन नहीं है, यह भारतीय सेना जानती है !
जबकि भारत में कई राजनेता और प्रशासनिक अधिकारी-कर्मचारी आकंठ भ्रष्टाचार में लिप्त हैं, लेकिन उनके विरुद्ध कभी ऐसी कार्यवाही नहीं की जाती ! यह भारत के लिए लज्जास्पद है !
ये देशद्रोही कौन है ये तो सब जानते है और आम हिंदू जनता कि यह इच्छा है कि इनके विरुद्ध कड़ी कार्यवाही होनी चाहिए !
भारत के शत्रु जो रणनीति में (स्मार्ट) चतुर हैं ।
गलवान में वर्ष २०२० में भारत का विश्वासघात करना चीन को महंगा पडा है। भारत ने पीछले ४ वर्षों से चीन से सीधी विमान सेवा बंद की है। उसे फिर से आरंभ करने की मांग चीन निरंतर कर रहा है। चीन की इस मांग का भारत ने फिर से एक बार अस्वीकार किया है।
भारत के लोकसभा चुनाव का परिणाम ४ जून को है । उससे पूर्व मतदानोत्तर परीक्षण में भाजपा पुनः एकबार सत्तारूढ होने का अनुमान लगाया गया है । इस पृष्ठभूमि पर चीन सरकार के मुखपत्र ‘ग्लोबल टाइम्स’ ने इस अनुमान पर एक समाचार प्रकाशित किया है ।