अपने नागरिकों को खालिस्तान के विषय में असत्य सूचना प्रसारित कर रहा है चीन !
भारत के शत्रु जो रणनीति में (स्मार्ट) चतुर हैं ।
भारत के शत्रु जो रणनीति में (स्मार्ट) चतुर हैं ।
गलवान में वर्ष २०२० में भारत का विश्वासघात करना चीन को महंगा पडा है। भारत ने पीछले ४ वर्षों से चीन से सीधी विमान सेवा बंद की है। उसे फिर से आरंभ करने की मांग चीन निरंतर कर रहा है। चीन की इस मांग का भारत ने फिर से एक बार अस्वीकार किया है।
भारत के लोकसभा चुनाव का परिणाम ४ जून को है । उससे पूर्व मतदानोत्तर परीक्षण में भाजपा पुनः एकबार सत्तारूढ होने का अनुमान लगाया गया है । इस पृष्ठभूमि पर चीन सरकार के मुखपत्र ‘ग्लोबल टाइम्स’ ने इस अनुमान पर एक समाचार प्रकाशित किया है ।
विस्तारवादी चीन की ताइवान पर प्रभुत्व प्रस्थापित करना चाहता है । उसे रोकने हेतु अब वैश्विक स्तर पर प्रयत्न होना आवश्यक !
चीन द्वारा पिछले कुछ वर्षों में देश के मुस्लिमों का इस्लामीकरण रोककर उनका चीनीकरण किया गया है । इसके विरुद्ध एक भी इस्लामी राष्ट्र अथवा उनका संगठन मुंह नहीं खोलते । इसके विपरित भारत में मुसलमान हिन्दुओं पर आक्रमण कर रहे हैं । ऐसा होते हुए भी ‘भारत में मुसलमान असुरक्षित हैं’, ऐसी चिल्लाहट की जाती है ।
रिपोर्ट के अनुसार, जीवन संतुष्टि का वैश्विक औसत ७३ प्रतिशत है। चीन (९१ प्रतिशत) और भारत (८४ प्रतिशत) औसत से बहुत आगे हैं।
पडोसी देश भारत से दूर न जाकर चीन उनको साम, दाम, दंड और भेद के द्वारा उन्हें स्वयं की ओर मोड रहा है और इसका परिणाम इन देशों के आत्मघात में होने वाला है, यह ध्यान में रखना चाहिए !
टेस्ला जैसी कंपनी चीन की बजाय भारत में निवेश कर रही है, इससे स्पष्ट होता है कि चीन के विषय में इस कंपनी को विश्वास नहीं । इस कारण चीन को मिर्ची लगेगी, इसमें क्या विशेष ?
भारत के साथ चीन का इतिहास देखनें पर वह विश्वासघाती प्रतीत होता है। अत: भारत चीन के साथ सकारात्मक विचार रखकर कभी भी निश्चिंत नहीं रह सकता !
अमेरिका के द्वारा अरुणाचल प्रदेश के सूत्र पर भारत का पक्ष लेने पर चीन तिलमिला गया है ।