‘द केरल स्टोरी’ चलचित्र (फिल्म) के विरोध के पीछे षडयंत्र ! – निर्माता विपुल शहा

दर्शकों को षडयंत्र की उपेक्षा करने का आवाहन !

मुंबई – ‘द केरल स्टोरी’ के निर्माता विपुल अमृतलाल शाह ने ‘एबीपी’ समाचारवाहिनी को दी भेंटवार्ता (इंटरव्यू) में अपना स्पष्ट मत व्यक्त करते हुए कहा कि, ‘द केरल स्टोरी’ यह चलचित्र कोई ‘एजेंडा’ (नीति) नहीं है; अपितु मुझे लगता है कि चलचित्र में दिखाई वास्तविकता को दबाया कैसे जाए ?, यही एजेंडा इसका विरोध करनेवालों का है । अतः दर्शक इन लोगों के षडयंत्र तथा चलचित्र पर हो रहे वाद-विवाद की ओर ध्यान न दें । इस चलचित्र के लिए शोध करते समय हमें सैकडों युवतियां मिली, जिन्हें धोखा देकर धर्मांतरण किया गया है । ऐसे में इस चलचित्र को बनावटी कैसे कहा जा रहा है ? प्रत्येक का अपना दृष्टिकोन होता है; परंतु हम सत्य के पक्ष में हैं’ ।

 (सौजन्य : ABP NEWS)

‘द केरल स्टोरी’ चलचित्र में लव जिहाद की बलि चढी केरल की ३२ सहस्र युवतियों की कथा दिखाई गई है । इस चलचित्र का विरोध भी किया जा रहा है । इस विषय में शहा को पूछे गए प्रश्नों पर उन्होंने उपरोक्त मत व्यक्त किए । यह चलचित्र ५ मई को प्रदर्शित होनेवाला है ।

१. शाह ने आगे कहा कि यह चलचित्र ३ युवतियों की कथा पर आधारित है । जब यह ३ युवतियों की कथा है, तो यह ‘एजेंडा’ कैसे हो सकता है ? इसका उत्तर किसी के पास नहीं है । इस चलचित्र का प्रत्येक प्रसंग तथा वाक्य सत्य है ।

२. यह चलचित्र बनाने की कल्पना कहां से आई ? इस प्रश्न पर शाह ने कहा कि ३ वर्ष पूर्व एक दिग्दर्शक मेरे पास इसकी पटकथा (स्क्रिप्ट) लाए थे । फिर उस पर हमने पूरी छानबीन कर उसपर एक लघुफिल्म (डॉक्युमेंटरी) बनाई । तदुपरांत हमने एक वर्षतक शोधन किया, इसलिए कि हमारे लेखन में कहीं कुछ असत्य न हो । यह प्रश्न हमारे देश की लडकियों का है । इसलिए हमें ऐसा कुछ नहीं करना था कि लोगों को कहने का अवसर मिले कि ऐसा कभी हुआ ही नहीं । हमारी पटकथा पूरी होनेपर हमने चलचित्र बनाने का निर्णय लिया । इसे बनाने में हमें ३ वर्ष लगे ।

संपादकीय भूमिका 

हिन्दुओं को ऐसा लगता है कि इस चलचित्र का विरोध करनेवाले जिहादी आतंकवादियों के समर्थक हैं, इसलिए केंद्र सरकार इसका अन्वेषण कर, उनपर कार्यवाही करने का प्रयास करे !