आज प्रदर्शित होगा मराठी भाषा में ‘स्वातंत्र्यवीर सावरकर’ चलचित्र !

हिन्दी भाषा में ‘स्वातंत्र्यवीर सावरकर’ चलचित्र २२ मार्च को विश्व भर प्रदर्शित होगा ।

Swatantrya Veer Savarkar Movie : आज प्रदर्शित नहीं हो सकेगा ‘स्वतंत्रतावीर सावरकर’ मराठी चलचित्र !

हिन्दुद्वेषियों तथा साम्यवादियों का अड्डा बना सेंसर बोर्ड ! ऐसे लोगों को दंडित करने के लिए अब हिन्दुओं को दबावगुट बनाने होंगे !

Swatantrya Veer Savarkar Movie : ‘स्वतंत्रतावीर सावरकर’ चलचित्र सशस्त्र क्रांति का इतिहास है !

कांग्रेस के इतिहास को दोहराने के लिए मैंने ‘स्वतंत्रतावीर सावरकर’ चलचित्र का निर्माण नहीं किया है । सावरकर की स्थिति और विचारधारा कौनसी परिस्थितियों में विकसित होती गई, यह स्पष्टरुप से दिखाने के लिए मैंने इस चलचित्र का निर्माण किया है ।

Teesri Begum : ‘सेंसर बोर्ड द्वारा आदेश : चलचित्र से ‘जय श्रीराम’ हटाएं !

‘केंद्रीय चलचित्र परीनिरीक्षण मंडल अर्थात ‘सेंसर बोर्ड’ ने निर्माता-निर्देशक के.सी. बोकाडिया को उनके आगामी ‘तीसरी बेगम’ नामक हिन्दी चलचित्र से ‘जय श्रीराम’ शब्‍द हटाने को कहा है ।

कांग्रेस के एक भी सदस्य को काले पानी का कारावास क्यों नहीं हुआ ?

भारत के स्वतंत्रता संग्राम के नायक विनायक दामोदर सावरकर पर बना चलचित्र ‘स्वातंत्र्यवीर सावरकर’ हिन्दी और मराठी भाषा में प्रदर्शित होगा । हिन्दी भाषा के इस चलचित्र का विज्ञापन  प्रदर्शित हो गया है ।

Chhatrapati Sambhaji Censor Board : ‘छत्रपति संभाजी’ चल चित्र को अभी तक नहीं मिला केन्द्रीय चलचित्र  प्रमाणन मंडल से प्रमाण पत्र !

केन्द्रीय चलचित्र  प्रमाणन मंडल पर चूंकि केंद्र सरकार का नियंत्रण है, इसलिए हिंदुओं का मानना ​​है कि सरकार को इस मुद्दे पर ध्यान देना चाहिए !

Netflix removes Annapoorani film : हिन्‍दुओं के विरोध के पश्‍चात ‘नेटफ्लिक्‍स’ ने ‘अन्‍नपूर्णानी’ चलचित्र हटाया ! 

केवल क्षमा मांगने से काम नहीं होगा, अपितु इस चलचित्र के लिए अनुमति देनेवाले केंद्रीय चलचित्र परिनिरीक्षण मंडल (सेंसर बोर्ड) एवं निर्माता को दंड दिया जाना चाहिए ! तभी हिन्‍दुओं की धार्मिक भावनाएं आहत करनेवालों को भय लगेगा !

Parva : ‘महाभारत इतिहास है अथवा पौराणिक कथा’ विषय पर आगामी फिल्म ‘पर्व’ डालेगी प्रकाश !

भारत के वास्तविक इतिहास का पुनर्लेखन होना अति आवश्यक है । निर्माता विवेक रंजन अग्निहोत्री ने यह जो कदम उठाया है, वह अभिनंदनीय ही है !

हिन्दी सिनेमा में स्त्री के गुण की अपेक्षा उसके शरीर को अधिक महत्व दिया जाता है ! – अभिनेत्री पायल घोष 

हिन्दी सिनेमा की यह वास्तविकता आज विश्व को पता है । ऐसा सिनेमा जगत समाज में कभी नैतिकता निर्माण करने के लिए सिनेमा के माध्यम से प्रबोधन करेगा क्या ?

मेरे चलचित्र के हिन्दी संस्करण के प्रमाणपत्र के लिए साढे छः लाख रुपए की घूस देनी पडी !

अब ऐसा प्रश्न उठ रहा है, ‘हिन्दुओं के देवताओं का अनादर करनेवाले चलचित्रों को इस मंडल द्वारा प्रमाणपत्र दिए जातें हैं एवं हिन्दुओं के विरोध करने पर उसकी प्रविष्टि भी नहीं की जाती, क्या उस समय भी इसी प्रकार घूस लेकर इन चलचित्रों को सम्मति दी जाती है ?’ !