बीजिंग – चीन ने कैलाश मानसरोवर यात्रा का शुल्क बढाकर दुगुना कर दिया है । तीन वर्षाें से बंद इस यात्रा के लिए चीन ने वीजा देना आरंभ किया है । साथ ही इस यात्रा के विविध शुल्कों को भी लगभग दुगुना किया है । इतना ही नहीं; अपितु श्रद्धालु यदि अपने साथ नेपाल से सहायक अथवा कर्मचारी ले जाएंगे, तो ३०० डालर अर्थात लगभग २४ सहस्र रुपए अधिक देने पडेंगे । इस शुल्क को ‘ग्रॉस डेमेजिंग फी’ कहा है । चीन को लगता है कि यात्रा के समय कैलाश पर्वत के परिसर के घास की हानि होती है । इसलिए इसकी क्षतिपूर्ति यात्रियों द्वारा ही की जानेवाली है ।
(सौजन्य : TIMES NOW Navbharat)
चीन द्वारा यात्रियों के लिए नए नियम !
चीन ने यात्रियों के लिए कुछ नए नियम भी बनाए हैं । उनके अनुसार अब प्रत्येक यात्री को काठमंडू हवाई अड्डे पर ही अपना ‘युनिक आइडेंटिफिकेशन’ (संगणक द्वारा अपना परिचय देना) देना होगा । इसके लिए उंगलियों के निशान एवं पुतलियों का ‘स्कैनिंग’ किया जाएगा ।
भारतीय यात्रियों की संख्या सीमित रखने के लिए चीन द्वारा नए नियम ! – नेपाल
नेपाल के पर्यटन व्यावसायियों का कहना है कि चीन ने ये जटिल नियम विदेशी विशेष कर भारतीय यात्रियों की संख्या सीमित रखने के लिए बनाए हैं । ‘द काठमंडू पोस्ट’ के अनुसार नेपाल के तीन प्रमुख व्यावसायियों ने चीनी राजदूत चेन सांग से ये नए नियम हटाने की मांग का निवेदन दिया है ।
संपादकीय भूमिकायह चीन का हिन्दूद्वेष है, अतः सरकार को तत्काल इसका निषेध कर बढे हुए शुल्क को निरस्त करने के लिए चीन पर दबाव डालना चाहिए ! |