भारत और चीन को अमेरिकी आयात शुल्क के विरुद्ध एकजुट होना चाहिए!
अमेरिका द्वारा चीन को सबक सिखाने के बाद चीन को भारत की याद आ रही है, अन्यथा चीन भारत को जितना हो सके उतना परेशान करने का प्रयास कर रहा है।
अमेरिका द्वारा चीन को सबक सिखाने के बाद चीन को भारत की याद आ रही है, अन्यथा चीन भारत को जितना हो सके उतना परेशान करने का प्रयास कर रहा है।
इसे कहते हैं दुश्मन देश को सबक सिखाना ! यह भी उतना ही सच है कि एक गांधीवादी देश कभी ऐसी धमकी नहीं दे सकता !
भारत पर चीन, वियतनाम और ताइवान की तुलना में कम कर है !
बांग्लादेश भारत के लिए दूसरा पाकिस्तान बन गया है। पाकिस्तान को पिछले ७८ वर्षों में भारत ने सीधा नहीं किया, वही निष्क्रियता भारत बांग्लादेश के संदर्भ में दिखा रहा है, इसलिए ही यूनुस इस तरह की धमकी देने का साहस कर रहे हैं, यह भारत के लिए खतरे की घंटी है।
उन्होंने इस समय यह भी स्पष्ट किया कि, “हम जानते हैं कि भविष्य में भी भारत और चीन के बीच मतभेद उत्पन्न होंगे; किन्तु उन्हें संघर्ष का सहारा लिए बिना अन्य पद्धतियों से हल किया जा सकता है।”
भारत को केवल इतना ही नहीं कहना चाहिए, परंतु जनता को यह बताकर आश्वस्त भी करना चाहिए कि वह नियंत्रण हटाने के लिए क्या प्रयास करेगा और कब करेगा !
यह बात अब देश के हर नागरिक को पता है। न केवल भारतीय, अपितु दुनिया जानती है कि चीन एक भरोसेमंद देश नहीं है !
भारतीय जानते हैं कि अब्दुल्ला परिवार के पाक समर्थक रुख के कारण पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर अब तक भारत में नहीं आ सका है !
चीन कुछ भी कहे, वह विश्वासघाती देश होने के कारण उसकी बातों पर विश्वास नहीं किया जा सकता !
भारत के विदेश मंत्री डॉ एस. जयशंकर का लंदन में बयान