Navaratri : हिन्दुओं का प्रमुख पर्व नवरात्रोत्सव
नवरात्रि के नौ रात्रियों में देवी के नौ रूपों की पूजा की जाती है । यह पर्व अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से नवमी तक मनाया जाता है ।
नवरात्रि के नौ रात्रियों में देवी के नौ रूपों की पूजा की जाती है । यह पर्व अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से नवमी तक मनाया जाता है ।
निधर्मीवादी एवं आधुनिकतावादी, इसके साथ ही मंदिरों में जानेवाले राहुल गांधी इस विषय में कुछ बोलेंगे ? या फिर गांधीवादियों को लगता है कि जहां मुसलमान बहुसंख्यक हैंं, वहां हिन्दुओं को धर्मांध मुसलमानों के बताए अनुसार करना चाहिए ?
पूरे भारत में अत्यंत उत्साह एवं भक्तिमय वातावरण में नवरात्रि के व्रत का पालन किया जाता है । माता जगदंबा की कृपा पाने हेतु श्रद्धापूर्वक उपवासादि आराधना की जाती है ।
नवरात्रोत्सव से होनेवाली धर्महानि रोकने के लिए वैधानिक पद्धति से प्रयास कर उत्सव की पवित्रता बनाए रखना प्रत्येक देवीभक्त का आद्य कर्तव्य है । इन अप्रिय घटनाओं को रोककर ‘आदर्श नवरात्रोत्सव’ मनाना तथा उसके लिए अन्यों को भी प्रेरित करना देवी की श्रेष्ठ स्तर की उपासना सिद्ध होगी !’
साथ ही अखंड रामायण पठन का आयोजन करने को भी कहा है । इसके लिए उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार प्रत्येक जिले के लिए लाख रुपये का निधि भी उपलब्ध कराएगी।
राजस्थान में तृणमूल कांग्रेस की सरकार रहते हुए भी इस प्रकार की घटना होने पर संबंधित व्यक्तियों पर कोई कार्यवाही नहीं होती, कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडगे इसका संज्ञान लेंगे क्या ?
श्री दुर्गा देवी की मूर्तियाें के विसर्जन के लिए ५ अक्टूबर की रात लगभग ९ बजे माल नदी के तट पर बडी संख्या में श्रद्धालु एकत्र हुए थे । यहां ४० मूर्तियों को विसर्जन के लिए लाया गया था ।
पिछले वर्ष मुसलमानों ने हिन्दुओं पर कुरान को पंडाल में रखकर उसका अनादर करने का आरोप लगाया था । उनके द्वारा किए गए दंगों में कई हिन्दू मारे गए और हिन्दुओं की करोडों रुपयों की संपत्ति का नुकसान किया गया था !
कोलकाता (बंगाल) में अखिल भारतीय हिन्दू महासभा के दुर्गापूजा मंडप में राक्षस के रूप में मोहनदास गांधी समान दिखनेवाली एक प्रतिमा रखी गई है तथा श्री दुर्गादेवी को उनकी हत्या करते हुए दर्शाया गया है ।
साडी और चोली वस्त्र-नारियल से देवी का आंचल भरना, यह देवी के दर्शन के समय किया जानेवाला एक प्रमुख उपचार है । यह शास्त्र समझकर, इसे भावपूर्ण करने से, उसका आध्यात्मिक लाभ अधिक प्रमाण में श्रद्धालु को मिलता है ।