कोलकाता में नवरात्रोत्सव पंडाल में श्रीदुर्गादेवी को वेश्या के रूप में दर्शाया !
आज समाज में कोई भी उठता है और हिन्दू धर्म शास्त्रों के विरोध में कुछ भी बताकर उसके अनुसार कृति करने का प्रयत्न करता है, ऐसे लोगों का प्रतिवाद करने के लिए अब धर्माचार्यों को आगे आना आवश्यक है !