आयुर्वेद एवं अध्यात्म की नींव सशक्त हो रहे हैं, इसके संकेत !

‘आईटी’ क्षेत्र में कार्यरत लोग वैश्विक शोधकार्य अथवा कुल मिलाकर स्वास्थ्य की स्थिति के संदर्भ में अच्छी मात्रा में जागृत रहते हैं । ‘लाक्षणिक स्वास्थ्यलाभ’ तथा ‘बीमारीमुक्त होना’, इनमें अंतर उन्हें समझ में आता है ।

आंखों का स्वास्थ्य तथा बढता जा रहा ‘स्क्रीन टाइम’

दिन-रात स्क्रीन के प्रखर प्रकाश के सामने रहने से उनकी आंखों को कष्ट हो सकता है । इसीलिए इन कृत्रिम; परंतु घातक किरणोत्सर्गीय गर्मी से आंखों की रक्षा करना आवश्यक होता है ।                         

आयुर्वेद के विषय में सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवलेजी के तेजस्वी विचार !

‘शरीरमाद्यं खलु धर्मसाधनम् ।’ अर्थात ‘शरीर धर्माचरण का प्रथम साधन है ।’ शरीर स्वस्थ हो, तो साधना में शारीरिक समस्याएं नहीं आतीं । शरीर को सात्त्विक रखने से साधना में तीव्रगति से प्रगति होती है । ‘शरीर को सात्त्विक कैसे रखना चाहिए ?’, यह एलोपैथी नहीं, अपितु आयुर्वेद सिखाता है ।

आयुर्वेद : मानवीय जीवन का शास्त्र

मानवीय जीवन का सर्वांगीण विचार करनेवाला तथा सफल, पुण्यमय, दीर्घ एवं स्वास्थ्यमय जीवन कैसे व्यतीत करना चाहिए ?, इसका मार्गदर्शन करनेवाला शास्त्र है आयुर्वेद ! अपना स्वास्थ्य बनाए रखने के लिए सभी को आयुर्वेद में दिए स्वास्थ्य संबंधी नियम, दिनचर्या एवं ऋतुचर्या को समझ लेना आवश्यक है ।

आयुर्वेद में बताई दिनचर्या सहस्रों वर्ष उपरांत भी स्वास्थ्य के लिए लाभकारी !

आयुर्वेद तो सहस्रों वर्ष से चला आ रहा है; परंतु उसके सिद्धांत आज भी अचूकता से लागू होते हैं; इसीलिए आयुर्वेद चिरंतन है । इस लेख में हम समझ लेंगे कि ‘हमारी दिनचर्या आयुर्वेद के अनुसार कैसी होनी चाहिए ? तथा वह वैसे क्यों होनी चाहिए ?’

शारीरिक कष्ट बढने के विविध कारण

शरीर के विभिन्न घटकों के कारण हो रही सूजन अथवा सूजन संबंधी होते जा रहे ‘इंफ्लेमेट्री’ (क्षोभजन्य) परिवर्तन जैसे लक्षण बहुत ही सामान्यरूप से दिखाई दे रहे हैं । उसके निम्न कारण हैं

Ayurveda Doctor Recruitment : ब्रिटेन में आयुर्वेद के १० हजार डॉक्‍टर भर्ती किए जाएंगे !

ब्रिटेन में आयुर्वेदिक औषधियों का उपयोग तेजी से बढ़ रहा है । अब ब्रिटेन की राष्‍ट्रीय स्वास्थ्य योजना में आयुर्वेद का औपचारिक समावेश करने की तैयारी आरंभ हो गई है ।

Ayurveda Cures Cancer : नवज्योत कौर सिद्धू को आयुर्वेद ने दिया नवजीवन ! चौथे चरण के कैंसर पर प्राप्त की विजय !

पूर्व सांसद तथा क्रिकेट खिलाडी नवज्योत सिंह सिद्धू की पत्नी नवज्योत कौर सिद्धू ने पिछले २ वर्षाें से कैंसर से सामने कर अब इस बीमारी पर विजय प्राप्त की है ।

अच्छे स्वास्थ्य के लिए विरुद्ध आहार लेना टालें !

‘विरुद्ध आहार’ एक भिन्न संकल्पना है । बहुत ही संक्षेप में कहना हो, तो ऐसे पदार्थ, जिन्हें एक-दूसरे के साथ खाया गया, तो वे स्वास्थ्य के लिए घातक होते हैं । ‘केले का दूध में बनाया गया सिखरन’ आयुर्वेद के अनुसार विरुद्ध आहार ही है !

शारीरिक कष्ट बढने के विविध कारण

जब आप अन्न, हवा एवं पानी इन मूल बातों पर निर्भर होते हैं तथा वही यदि मिलावट आ जाती है, तो बीमारी से कोई अछूता नहीं रह सकता ! चिकित्सकीय क्षेत्र के लोग भी ! इसीलिए हमारी दादी जिस प्रकार स्वस्थ रही, उस प्रकार स्वस्थ रहने के लिए हमारी पीढी को बहुत अधिक प्रयास करने पडेंगे, यह निश्चित है !