आयुर्वेद एवं अध्यात्म की नींव सशक्त हो रहे हैं, इसके संकेत !
‘आईटी’ क्षेत्र में कार्यरत लोग वैश्विक शोधकार्य अथवा कुल मिलाकर स्वास्थ्य की स्थिति के संदर्भ में अच्छी मात्रा में जागृत रहते हैं । ‘लाक्षणिक स्वास्थ्यलाभ’ तथा ‘बीमारीमुक्त होना’, इनमें अंतर उन्हें समझ में आता है ।