आज तक आपातकाल को आगे ले जाने का मुख्य कारण है महान संतों-महात्माओं की कृपा !

सामान्य व्यक्तियों के लिए इस भीषण आपातकाल का सामना करना असंभव होगा । उसके कारण ही अभी तक अनेक बार संतों-महात्माओं ने सामान्य जीवों का विचार कर अपनी साधना खर्च कर इस आपातकाल को आगे बढा दिया है । सामान्य लोग जब अपनी साधना बढाएंगे, तभी जाकर यह आपातकाल उनके लिए सहनीय हो पाएगा !

आपातकाल संबंधी संतों द्वारा किया भाष्य !

इस विश्वयुद्ध में देश की इतनी हानि होगी कि उसके उपरांत ‘राष्ट्र के पुनर्निर्माण हेतु पूरी एक पीढी को अपना जीवन देना पडेगा ।

‘El Niño’ Effect : कश्मीर में इस वर्ष तापमान में गिरावट आने पर भी बर्फबारी (हिमपात) नहीं !

सामान्यतः जहां २ से ५ फूट तक बर्फ जमा होती है, वहां पर भी एक इंच भी बर्फ गिरी नहीं है ।

भावी भयंकर आपातकाल के संकट को पहचानकर परिवार के लिए आवश्यक वस्तुएं अभी खरीदकर रखें !

आपातकाल में अन्न, पानी, औषधि, ईंधन आदि समय पर उपलब्ध होना कठिन होता है । आपातकाल में परिवार के लिए आवश्यक नित्योपयोगी तथा प्रासंगिक वस्तुओं का अभाव होता है । आपातकाल की दृष्टि से उपयुक्त वस्तुएं खरीदना सरल हो, इस हेतु यहां विभिन्न वस्तुओं की सूची दी है ।

विविध आपातकालीन प्रसंगों में किए जानेवाले प्राथमिक उपचार एवं अन्य उपाययोजना

ऊंचाई पर लगे बिजली के तारों से उच्च दबाव में बिजली का प्रवाह (हाइ वोल्टेज करंट) बहता है । बिजली का यह प्रवाह अत्यंत घातक होता है । इन तारों के सपर्क में आया व्यक्ति गम्भीर रूप से जल सकता है । बिजली का प्रवाह बंद अथवा खण्डित होने का निश्चित रूप से पता चलने तक दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति के निकट न जाएं ।

‘अगामी आपातकालकी संजीवनी’ ग्रंथमाला

बिन्दुदाब उपचार : शारीरिक, मानसिक एवं आध्यात्मिक कष्टों पर उपाय ‘सूचीदाब’ (एक्यूप्रेशर)

साधकों की शीघ्र आध्यात्मिक उन्नति होने में आनेवाली बाधाएं और उनपर उपाययोजना !

अब आपातकाल प्रारंभ हो चुका है । तीसरा विश्वयुद्ध अत्यधिक विनाशकारी होनेवाला है । उसके लिए हमें तैयार रहना आवश्यक है । आपातकाल से पार होने के लिए साधना आवश्यक है । उस दृष्टि से शीघ्र आध्यात्मिक उन्नति होने में आनेवाली बाधाएं और उसपर समाधान योजना समझ लेते हैं ।

देश के १४ राज्यों में मूसलाधार वर्षा की चेतावनी !

हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार, सिक्किम, बंगाल, असम, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा एवं तमिलनाडु राज्यों में मूसलाधार वर्षा होने की संभावना व्यक्त की जा रही है ।

यमुना के जल के कारण राष्ट्रीय राजधानी में हाहाकार !

देहली का नीचला भाग पानी के नीचे जाने के कारण लाल किला के क्षेत्र में भी पानी घुस गया है । इसके साथ अनेक स्थानों कर रास्ते पर ट्रक तथा बस लगभग पूरे डूब गए हैं ।

तुर्की में भूकंप से पृथ्वी पर ३०० कि.मी. लंबी दरार !

तुर्की एवं सीरिया में ६ फरवरी को हुए ७.८ रिक्टर स्केल के विनाशकारी भूकंप से पृथ्वी की सतह पर ३०० कि.मी. लंबी दराऱ देखी गईं ।