हिन्दू होना क्या लज्जाजनक (शर्म की) बात है ?

स्वयं पर हुई आलोचना के उपरांत शास्त्रज्ञ नंबी नारायणन् का सटीक प्रश्न !

‘इस्रो’ के भूतपूर्व शास्त्रज्ञ नंबी नारायणन्

नई देहली – मैं हिन्दू हूं एवं मुझे ऐसा कहने में कोई लाज नहीं आती । क्या हिन्दू होना लज्जाजनक बात है ?, ऐसा प्रश्न भारतीय अंतरिक्ष शोध संस्था के (‘इस्रो’के) भूतपूर्व शास्त्रज्ञ नंबी नारायणन् ने एक भेंटवार्ता में पूछा । इस संदर्भ में एक वीडियो सामाजिक माध्यमों से प्रसारित हो रहा है । नंबी नारायणन् के जीवन पर आधारित ‘रॉकेट्री : द नंबी इफेक्ट’ यह चलचित्र प्रदर्शित हुआ है । उसमें उन्हें पूजापाठ करते हुए दिखाया गया है । चलचित्र समीक्षकों ने इसकी आलोचना की । इस विषय में नंबी नारायणन् के पूछने पर उन्होंने उपरोक्त उत्तर दिया । इसके साथ ही वे बोले, ‘‘मैं हिन्दू होने से चलचित्र में मुझे हिन्दू दिखाया गया है । मुझे मुसलमान अथवा ईसाई नहीं दिखा सकते ।’’

ब्राह्मण होना पाप है क्या ?

‘रॉकेट्री : द नंबी इफेक्ट’ इस चलचित्र की समीक्षा करनेवाले कुछ चलचित्र समीक्षक ‘नारयणन् ब्राह्मण हैं’, ऐसा कह रहे हैं । नंबी नारायणन् ने कहा, ‘‘मैं ब्राह्मण नहीं हूं और यदि होता भी तो उसमें आक्षेप लेने जैसी क्या बात है ? आप उन्हें मारनेवाले हैं क्या ? ब्राह्मण होना क्या पाप है ? यदि आपका सहयोगी ब्राह्मण होगा, तो आप उसे हीन समझोगे क्या ? ऐसे कितने ही ब्राह्मण हैं जिन्होंने  देश के लिए अपना जीवन समर्पित किया है । इसकी मैं आपको सूची दे सकता हूं । बिना कारण ही ऐसी बातों को महत्त्व दिया जा रहा है ।

मुझे आप साम्यवादी कहेंगे क्या ?

नंबी नारायणन् आगे बोले, ‘‘मुझे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन्, इन दोनों से समर्थन मिला है; फिर मुझे आप साम्यवादी समझेंगे क्या ? मोदी को प्रधानमंत्री नहीं, अपितु ‘भाजपा के व्यक्ति’ के रूप में देखा जाता है । लोगों के मन पर यह अंकित किया गया है ।’’

संपादकीय भूमिका

एक प्रसिद्ध हिन्दू शास्त्रज्ञ को ऐसा प्रश्न करना पड रहा है, इससे धर्मनिरपेक्ष भारत में हिन्दुओं की भयावह स्थिति ध्यान में आती है !