दिव्य, अलौकिक एवं एकमेवाद्वितीय सनातन संस्था !

‘आनंद (ईश्वर) प्राप्ति हेतु साधना सिखाना’ अध्यात्म का ज्ञान अगाध एवं अनंत है । सामान्य लोगों को वह कठिन लग सकता है अथवा उसमें दी गई उपासनाओं में से निश्चित रूप से कौनसी उपासना करनी चाहिए ?, यह प्रश्न उठता है ।

Sanatan Sanstha : सनातन संस्था को ‘हिन्दुत्व के आधारस्तंभ’ पुरस्कार प्रदान कर किया गया सम्मानित !

डेहराडून (उत्तराखंड) में ‘वेदशास्त्र रिसर्च एंड फाउंडेशन’ की ओर से हिन्दुत्व का कार्य करनेवालों को ‘हिन्दुत्व आधारस्तंभ’ तथा ‘देवभूमि रत्न’ पुरस्कार प्रदान !

राष्ट्रनिर्माण के लिए त्याग तथा राष्ट्र एवं धर्म के प्रति निष्ठा आवश्यक !  – अभय वर्तक, धर्मप्रचारक, सनातन संस्था

राष्ट्ररचना एक शास्त्रीय संकल्पना है, जो सत्य पर आधारित है । इसमें असत्य का कोई स्थान नहीं है । ‘राष्ट्रनिर्माण’ सत्ता की लालसा रखनेवालों का काम नहीं है । राष्ट्रनिर्माण के लिए त्याग तथा राष्ट्र एवं धर्म के प्रति निष्ठा की आवश्यकता है ।

‘वन्दे मातरम्’ के सम्मान के लिए देश में कानून बनाया जाए ! – अधिवक्ता उमेश शर्मा, सर्वाेच्च न्यायालय

‘वन्दे मातरम्’ भारत की सांस्कृतिक धरोहर है, जिसे देश के प्रत्येक नागरिक को मान्य करना चाहिए । अन्यथा हमें देश का नागरिक कहलवाने का कोई अधिकार नहीं है । ‘वन्दे मातरम्’ गीत में भारतमाता का सम्मान है ।

आपातकाल में हिन्दू समाज के सर्व घटकों को एकत्र आकर हिन्दुओं की रक्षा के लिए कार्य करना चाहिए ! – अभय वर्तक, धर्मप्रचारक, सनातन संस्था

आगे आनेवाले भीषण आपातकाल में हिन्दुत्वनिष्ठ एवं साधकों को सात्त्विक व्यक्तियों को बचाने का प्रमुख कार्य होगा । आपत्ति में फंसे सज्जन हिन्दुओं की सर्वाेपरी सहायता करें । यह संपूर्ण कार्य किसी भी एक संगठन अथवा व्यक्ति का नहीं है ।

यदि हिन्दू मांग करें, तो ही हिन्दू राष्ट्र मिलेगा ! – परमहंस डॉ. अवधेशपुरीजी महाराज, स्वस्तिक पीठाधीश्वर, मध्य प्रदेश

हिन्दुओं को संगठित करने के लिए एक निष्पक्ष संस्था की आवश्यकता थी । आज हिन्दू जनजागृति समिति निष्पक्ष रूप से सर्व संगठनों को एक धागे में पिरोने का कार्य कर रही है । समिति के ये प्रयास अभिनंदनीय हैं ।