सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवलेजी के ओजस्वी विचार

सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवलेजी

अरबपति का फिजूलखर्ची बेटा और हिन्दू !

‘एक अरबपति का बेटा अपनी पूरी संपत्ती गंवा दे, उस प्रकार हिन्दुओं की पिछली पीढियों ने पूरी धर्मसंपत्ति मिट्टी में मिला दी है !’

अंतर्ज्ञानी भारतीय ऋषि !

‘पाश्‍चात्यों को शोध करने के लिए यंत्रों की आवश्यकता होती है । ऋषियों और संतों को उनकी आवश्यकता नहीं होती । उन्हें यंत्रों से अनेक गुना अधिक जानकारी प्राप्त होती है ।’

ज्योतिषशास्त्र की सर्वश्रेष्ठता !

‘कहां आगामी कुछ वर्षों में क्या होगा, इसका बुद्धि का उपयोग कर अनुमान लगानेवाले पाश्चात्य; और कहां युगों-युगों के विषय में बतानेवाला ज्योतिषशास्त्र !’’

धर्म शब्द का अर्थ

‘अनिष्ट से संसार की रक्षा करनेवाले, तथा मानव की ऐहिक और पारलौकिक उन्नति सहित मोक्ष प्रदान करनेवाला तत्त्व है धर्म ! अधिकांश विदेशी भाषाओं में ‘धर्म’ शब्द का समानार्थी शब्द भी नहीं ! इस कारण उनके लिए धर्माचरण करना कठिन होता है ।’

– सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवलेजी