HC on Shri Krishna Janmabhoomi case : इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने देवी श्रीजी राधा रानी को काल्पनिक घोषित किया !

पौराणिक ग्रंथों के संदर्भ को नकारते हुए श्रीकृष्ण जन्मभूमि प्रकरण में देवी श्रीजी राधा रानी को सह-मालिक के रूप में पक्षकार बनाने की याचिका भी अस्वीकार कर दी !

सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. आठवलेजी के चरित्रग्रंथ का लोकार्पण !

‘सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवलेजी का संक्षिप्त चरित्र’ इस हिंदी भाषा के चरित्रग्रंथ और उसके ‘ई-बुक’ संस्करण का लोकार्पण उपस्थित संतों एवं मान्यवरों के करकमलों से इस समय किया गया ।

आपातकाल से पूर्व ग्रंथों के माध्यम से धर्मप्रसार कर, सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवलेजी के ग्रंथ-निर्मिति के कार्य की सेवा में सम्मिलित हों !

हिन्दू राष्ट्र कुछ सहस्र वर्षाें तक टिका रहेगा; परंतु ग्रंथ में समाहित ज्ञान अनंत काल तक टिका रहेगा; इसलिए जैसे हिन्दू राष्ट्र शीघ्र आना आवश्यक है, उतनी ही शीघ्रता भीषण आपातकाल का आरंभ होने से पूर्व इन ग्रंथों को प्रकाशित करने की है ।

सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. आठवलेजी का धर्माधिष्ठित हिन्दू राष्ट्र की स्थापना का कार्य !

‘केवल भारत में ही नहीं, अपितु पृथ्वी पर सर्वत्र ‘हिन्दू राष्ट्र (ईश्वरीय राज्य, सनातन धर्म राज्य, रामराज्य) स्थापित करना’, यह केवल राजनीतिक, सांस्कृतिक, वांशिक अथवा भौगोलिक प्रक्रिया नहीं है, अपितु वह मुख्य रूप से आध्यात्मिक प्रक्रिया है’, यह उन्होंने समय-समय पर स्पष्ट किया है । इसके लिए वे ८३ वर्ष की आयु में भी कार्यरत हैं !

वास्तु पर कुदृष्टि पडती है अर्थात क्या होता है ?

दूषित वास्तु का व्यक्ति पर होनेवाला परिणाम इन सूत्रों को समझने हेतु पढिए सनातन का ग्रंथ ‘उतारा एवं मानस कुदृष्टि’

आपातकाल से पूर्व ग्रंथों के माध्यम से धर्मप्रसार कर, सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवलेजी के ग्रंथ-निर्मिति के कार्य की सेवा में सम्मिलित हों !

ग्रंथसेवा श्रेष्ठ ज्ञानशक्ति के स्तर की सेवा है, इसलिए यह सेवा शीघ्र आध्यात्मिक उन्नति करानेवाली सेवा भी है । अतः साधको, अपनी रुचि एवं क्षमता के अनुसार ग्रंथ-निर्मिति की इस सेवा में सम्मिलित होकर इस स्वर्णिम अवसर का लाभ उठाएं !

अलंकार संबंधी सनातन की ग्रंथमाला

स्त्रियों के अलंकारों का अध्यात्मशास्त्रीय विवेचन

सनातन की ग्रंथमाला : ‘आगामी आपातकाल की संजीवनी’

रक्तस्राव, घाव, अस्थिभंग आदि का प्राथमिक उपचार कैसे करें ये जानने हेतु अवश्य खरीदे ग्रंथ “प्राथमिक उपचार प्रशिक्षण (३ भाग)”

पू. बालकदासजी महाराज के करकमलों से छत्तीसगढ के राजीम कुंभपर्व में सनातन संस्था की ग्रंथ-प्रदर्शनी का उद्घाटन !

माघ पूर्णिमा से महाशिवरात्रि तक होनेवाले इस कुंभ मेले के स्थल पर सनातन संस्था की ओर से ग्रंथ, सात्त्विक उत्पाद और धर्मशिक्षा के फलक का प्रदर्शन किया गया ।