कश्मीरी हिन्दुओं पर किए गए अत्याचारों के लिए कश्मीरी मुसलमानों को उनसे हाथ जोडकर क्षमा मांगनी चाहिए !

केवल हाथ जोडकर क्षमा मांगने से कुछ नहीं होगा और कश्मीरी मुसलमान ऐसी क्षमा मांगेंगे, इसकी भी संभावना नहीं है । इसलिए अब केंद्र सरकार को ही अब प्रधानता लेकर इन अत्याचारों में संलिप्त मुसलमानों को दंड मिलने हेतु प्रयास करने चाहिए, तभी जाकर वास्तव में कश्मीरी हिन्दुओं को न्याय मिलेगा !

रशिया-यूक्रेन के युद्ध पर बोलनेवाले कश्मीर में हिन्दुओं पर हुए अत्याचारों पर क्यों नहीं बोलते ? – प्रा. रेणुका धर बजाज, देहली विश्वविद्यालय

३२ वर्ष पूर्व भारत के एक राज्य में हिन्दुओं के साथ क्या हुआ ?, यह भारतीयों को अभी तक यह ज्ञात नहीं हैै । वास्तव में, भारत के हिन्दुओं ने कश्मीरी हिन्दुओं के लिए कुछ नहीं किया; इसलिए अब तो हिन्दुओं को जागृत होकर कश्मीरी हिन्दुओं को न्याय दिलाना चाहिए ।

श्रीलंका पर छाया अन्नसंकट एवं भारत !

श्रीलंका ने भारत से अन्न आयात करने के लिए कर्ज की मांग की है । वह जैविक खेती के विषय में मार्गदर्शन भी मांगे, तो इसमें भारतीय किसान बंधु भी आनंद से सहभागी होंगे ।

तृतीय विश्वयुद्ध के विषय में भविष्यवाणी, विश्वयुद्ध के दुष्परिणाम और उनसे बचने हेतु आवश्यक उपाय

तृतीय विश्वयुद्ध की अवधि साधकों की ईश्वरभक्ति पर निर्भर होगी । यह युद्ध भक्तों (धर्माचरण करनेवाले जीवों) और अनिष्ट शक्तियों (अधर्माचरण करनेवाली जीवों) के मध्य होनेवाला है; इसलिए इस युद्ध की अवधि बदल सकती है ।

शोध के माध्यम से संपूर्ण मानवजाति को अनमोल धरोहर उपलब्ध करानेवाले ‘महर्षि अध्यात्म विश्वविद्यालय’ को चित्रीकरण हेतु उपयुक्त सामग्री की आवश्यकता !

‘महर्षि अध्यात्म विश्वविद्यालय’ वैज्ञानिक परिभाषा में आध्यात्मिक शोध करने हेतु अद्वितीय कार्य करनेवाली संस्था है । इस विश्वविद्यालय के कुछ साधक संतों के मार्गदर्शन में विविध स्थानों पर यात्रा कर भारतीय संस्कृति की अनमोल धरोहर संग्रहित कर रहे हैं ।

हिजाब संबंधी निर्णय के समय कर्नाटक उच्च न्यायालय द्वारा रखे गए विविध पहलू एवं निर्णय के विषय में धर्मांध नेताओं द्वारा व्यक्त प्रतिक्रियाएं !

कश्मीर की ‘पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी)’ की प्रमुख तथा पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने ट्वीट करके कहा है कि हिजाबबंदी जारी रखने का कर्नाटक उच्च न्यायालय का निर्णय अत्यंत निराशाजनक है । यह केवल धर्म का नहीं; अपितु चुनाव की स्वतंत्रता का विषय है ।

‘द कश्मीर फाइल्स’ के निमित्त…

बॉलीवुड में प्रतिवर्ष गुंडे, माफिया, ‘ड्रग्स पेडलर’, गंगूबाई जैसे वेश्यागृहों की मालकिन का उदात्तीकरण करनेवाले अनेक ‘ड्र्रामा फिल्म्स’ प्रदर्शित होती हैं । ऐसे चलचित्र देखने की अपेक्षा भारतीय ‘द कश्मीर फाइल्स’ देखना देशहितकारी सिद्ध होगा ।

जिहादियों की क्रूरता और हिन्दुओं का आक्रोश : ‘द कश्मीर फाइल्स’

इस फिल्म में पग-पग पर ‘पूरे विश्व को कश्मीरी हिन्दुओं की व्यथा ज्ञात हो’; इसके लिए किए भागीरथी प्रयास दिखाई देते हैं । जिहादी आतंकी और उनके संरक्षकों (उदा. राज्यकर्ता, निष्क्रिय अधिकारी, बुद्धिजीवी, धर्मनिरपेक्षतावादी इत्यादि) के विरुद्ध असंतोष जागृत करने में यह फिल्म सफल रही है ।

परात्पर गुरु डॉ. जयंत आठवलेजी के अव्यक्त संकल्प के कारण गत एक वर्ष में विविध भाषाओं में सनातन के ३० नए ग्रंथ-लघुग्रंथ प्रकाशित और ३५७ ग्रंथ-लघुग्रंथों का पुनर्मुद्रण !

‘हिन्दू राष्ट्र’ धर्म के आधार पर ही स्थापित होगा । धर्मप्रसार के कार्य में ज्ञानशक्ति, इच्छाशक्ति और क्रियाशक्ति में से ज्ञानशक्ति का योगदान सर्वाधिक है । ज्ञानशक्ति के माध्यम से कार्य होने का सर्वाधिक प्रभावी माध्यम हैं ‘ग्रंथ’ ।

साधको, ‘निरंतर नकारात्मक विचार करने से और उस विषय पर अन्यों से बार-बार चर्चा करने से मन पर नकारात्मकता का संस्कार होता है’, यह ध्यान में रखकर योग्य मार्गदर्शन तथा स्वसूचना लें !

स्वयं की समस्या के बारे में विचार करने से तथा उसके बारे में निरंतर अन्यों को बताना, मन को नकारात्मक स्वसूचना देने समान होता है । परिणामस्वरूप मन के नकारात्मक विचारों का पोषण होता है और मन की अस्थिरता बढती है तथा कार्यक्षमता भी घटती है ।