विद्यालयों एवं महाविद्यालयों में आयोजित की जानेवाली प्रतियोगिताओं में विजेता छात्रों को पुरस्कार के रूप में सनातन के ग्रंथ एवं लघुग्रंथ दें  !

विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों एवं महाविद्यालयों के प्राचार्यों से विनम्र अनुरोध !

कुंभ पर्व में सेवा के लिए अच्छी स्थिति में दोपहिया तथा चारपहिया वाहनों की आवश्यकता है !

प्रत्यक्ष धर्मप्रसार की सेवा के लिए १५.१२.२०२४ से ५.३.२०२५ तक कुंभ क्षेत्र में विविध सेवाओं के लिए दोपहिया तथा चारपहिया वाहनों की आवश्यकता है ।

किसी भी अनजान लिंक को बिना खोले डिलीट करें !

वर्तमान में, समाज में ऐसे ‘लिंक’ का व्यापक प्रसार हो रहा है जो विभिन्न प्रकार के धोखाधड़ी और फर्जी संदेशों के माध्यम से व्यक्तिगत जानकारी को ‘हैक’ कर सकते हैं ।

प्रयागराज में कुंभपर्व के समय की साधना का मिलता है १ सहस्र गुना फल ! इस अवधि में धर्मप्रसार की सेवा (समष्टि साधना) में सम्मिलित हों !

प्रयागराज में कुंभमेले की अवधि में सर्वत्र के साधकों को सेवा का अनमोल अवसर ! १३.१.२०२५ से ५.३.२०२५ तक प्रयागराज (उत्तर प्रदेश) में कुंभपर्व होगा । इस अवधि में संपूर्ण विश्व के ४० करोड श्रद्धालुओं के प्रयागराज में आने की संभावना है । इस पर्व के स्थान और काल में की गई साधना का फल … Read more

दिनदर्शिका द्वारा परिचितों को अपने व्यवसाय की जानकारी देते समय स्वयं से धर्मकार्य भी हो; इसके लिए स्वयं के विज्ञापनों से युक्त ‘सनातन पंचांग’ छपवा लें !

अनेक उद्योगपति प्रतिष्ठान की (कंपनी की) प्रसिद्धि करने के लिए अपने विज्ञापनों से युक्त दिनदर्शिका (कैलेंडर) प्रकाशित कर उसे ग्राहकों, कर्मचारियों, संबंधियों आदि को उपहार के रूप में देते हैं ।

‘हिंदू राष्ट्र-जागृति सभा’, अधिवेशन, पत्रकार परिषद आदि कार्यक्रम तथा कार्यशाला एवं शिविर निर्विघ्न रूप से संपन्न होने हेतु आध्यात्मिक स्तर पर आगे दिए उपाय करें !

‘संपूर्ण भारत में विविध स्थानों पर जिलास्तरीय अधिवेशन, ‘हिंदू राष्ट्र-जागृति सभा’, हिंदू संगठन मेले, वाचक मेले तथा पत्रकार परिषद आदि कार्यक्रम तथा कार्यशाला एवं शिविर आयोजित किए जाते हैं ।

कुंभपर्व में सेवा के लिए अच्छी स्थिति में दोपहिया तथा चारपहिया वाहनों की आवश्यकता है !

कुंभकाल में धर्मप्रसार की सेवा करने के लिए भारतभर से अनेक धर्मप्रेमी तथा साधक प्रयाग में रहने के लिए आएंगे ।

प्रयागराज में होनेवाले कुंभपर्व के लिए वहां अपनी वास्तु उपयोग हेतु देकर, धर्मकार्य में सहभागी हों !

निवास की दृष्टि से, तथा विविध सेवाओं के लिए प्रयाग में वास्तु की (घर, सदनिका [फ्लैट], सभागृह [हॉल] की) आवश्यकता है । 

साधको, दुर्घटनाओं से रक्षा होने हेतु प्रतिदिन नामजपादि उपचार करें !

‘सनातन का राष्ट्र एवं धर्मजागृति का कार्य जैसे-जैसे बढ रहा है, वैसे-वैसे अनिष्ट शक्तियां इस कार्य में बाधाएं उत्पन्न करने के लिए बडे स्तर पर कार्यरत हो गई हैं ।

साधक पितृपक्ष की कालावधि में आगे दिए नामजप करें l

‘स्वयं पर ग्रहण का प्रतिकूल परिणास न हो’, इसके लिए भारतसहित पूरे विश्व के सभी साधक २ अक्टूबर तक नामजप कर सकते हैं ।